अज़रबैजान यात्रा (भाग 8) - गोबुस्तान – एक अद्भुत संग्रहालय
गोबुस्तान
मिट्टी के शंकु रूपी
ज्वालामुखी देख आश्चर्य और उत्साह को चित्त में चित्रित कर अनजाने ही हम फिर एक और
आश्चर्यचकित कर देने वाले संग्रहालय की ओर बढ़ चले। ये खुले आकाश के नीचे हर रोज
सूरज की भरपूर रोशनी और चाँद की चांदनी
में नहाकर निखरा हुआ संग्रहालय निकला। बाकू से लगभग 64 किलोमीटर की दूरी पर गोबुस्तान
नामक पहाड़ियां हैं। गोबुस्तान राज्य के रिजर्व पुरातत्व स्मारकों के मामले में
बहुत समृद्ध है। इसकी स्थापना 1966 में हुई थी जब इस क्षेत्र को पहाड़ों पर बनायीं नक्काशियों
और संगीतमय पत्थरों को संरक्षित करने के प्रयास में अजरबैजान का राष्ट्रीय
ऐतिहासिक स्थल घोषित किया गया। यहाँ गोबिस्तान रॉक आर्ट कल्चरल लैंडस्केप है जो
537 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है जिसमें 6000 से ज्यादा रॉक नक्काशी है
जिसमें लोग, जानवर, युद्ध के सामान,
अनुष्ठानिक नृत्य, बैलों की लड़ाई, सशक्त नागरिकों के साथ भाले के साथ योद्धा, सूरज और
सितारे दिखाए गए हैं यह औसतन 5000 से 30000 साल पुराने हैं। इसने राज्य ऐतिहासिक
और सांस्कृतिक रिजर्व में 2006 में राष्ट्रीय दर्जा हासिल किया और 2007 में इसे
यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में अंकित किया गया। यह एक अनूठा आउटडोर संग्रहालय
है जिसमें एक अत्याधुनिक आगंतुक केंद्र है। इन शैल नक्काशियों को पेट्रोग्लिफ्स के
नाम से जाना जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पेट्रोग्लिफ्स मानव सभ्यता की
सबसे प्राचीन कला है। रॉक आर्ट के साथ संगीत भी जुड़ा है हजारों साल तक नावों और
मछलियों को दर्शाने वाली शैल चित्राकृति इस तथ्य की ओर संकेत करती है कि एक समय
में कैस्पियन सागर का जलस्तर संभवत अधिक ऊंचा रहा होगा जिससे तीनों पहाड़ियां लगभग
द्वीप बन गई होगी। जब कैस्पियन सागर का जलस्तर नीचे उतरा तब शायद यह पहाड़ियां रहन
सहन हेतु प्रयोग में आयीं और यहाँ की वन सम्पदा भोजन के रूप में।
गोबिस्तान की प्राचीन
आबादी की भाषा विवादित है। लेकिन पेट्रोग्लिफ्स अभी भी वहां रहने वाले
प्रागैतिहासिक लोगों के जीवन के बारे में जानकारी देते हैं। जानवरों, मनुष्यों और
उनके प्राकृतिक जीवन के अनुभवों, शिकार और मृत्यु की 6000 से अधिक तस्वीरें हजारों
वर्षों की अवधि में उतारी गई है। अधिकांश पेट्रोग्लिफ्स बड़ी चट्टानों पर हैं।
ऐसा अनुमान है कि लगभग 40000
साल पहले गोबिस्तान समृद्ध हरा-भरा और घने जंगलों वाला स्थान था। अंतिम हिमयुग के
बाद की अवधि में गुफाओं में रहने वाले लोग हिरन और बकरियों का शिकार करते थे सवाना
घास के मैदान से भोजन एकत्र करते थे और कैस्पियन सागर में नौकायन करते थे। मानव
सभ्यता के इस प्रारंभिक केंद्र पर पूर्व और पश्चिम से यात्री मिलते थे और चूना
पत्थर की गुफाओं की श्रृंखला में बसते थे पीढ़ी दर पीढ़ी शताब्दी तक आश्रय की
दीवारों पर अपने निशान छोड़ते थे। यहां नक्काशी में योद्धा और टैटू वाली महिलाएं, बेल, हिरण, बकरियां, मछली
पकड़ने के दृश्य और बलिदान के दृश्य दिखाए गए हैं। परिदृश्य इतना बदल गया है कि
उसे पहचाना नहीं जा सकता है जलवायु परिवर्तन के साथ मूल वनस्पति और जीव जंतु भी
लुप्त हो गए।
गोबिस्तान रॉक आर्ट
कल्चरल स्थल के प्रवेश द्वार पर एक विशाल चट्टान है जो गवाल डैश रिजर्व में पाए
जाने वाले चार गायन पत्थरों में से एक है। जब इस 2 मीटर लंबे भारी पत्थर को छोटे
पत्थरों से मारा जाता है तो यह टैंबोरिन वाद्य यन्त्र के जैसे बजने वाली ध्वनि
उत्पन्न करता है। अलग अलग स्थान से अलग अलग तरह की ध्वनियाँ निकलती हैं। अज़रबैजान
भाषा में गवाल डैश का अर्थ है "टैंबोरिन पत्थर"। यह असामान्य प्रतिध्वनि
चट्टान के अंदर सूक्ष्म छिद्रों की उपस्थिति के कारण है जिसे शुष्क जलवायु और
क्षेत्र में प्राकृतिक गैस के प्रभाव का परिणाम माना जाता है। लेकिन यह अद्भुत है
कि इतना बड़ा पत्थर इस तरह की आवाजें निकाले।
हाल के लगभग 500 वर्षों
में लगभग 500 नई नक्काशियां खोजी गई है साथ ही कांस्ययुग का एक खेल जिसे "58 होल्स"
कहा जाता है चट्टान पर उकेरा हुआ पाया गया है । इस क्षेत्र का अभी तक पूरी तरह से
अन्वेषण नहीं हुआ है, इसलिए भविष्य में निश्चित रूप से और भी रहस्य उजागर होंगे।
इस प्राचीन स्थल की
अविस्मरणीय सैर के बाद हम लोग वापस निकल पड़े बाकू शहर की और क्योंकि भूख जोरों से
लग रही थी। एक सवा घंटे की कार यात्रा के पश्चात हम पहुँच गए भारतीय व्यंजनों का
स्वाद लेने के लिए प्रीमियर पैलेस होटल जहाँ हम पहले भी खाना खा चुके थे।
स्वादिष्ट भोजन करने के बाद याद आया कि इस यात्रा के दौरान शौपिंग तो हमने की
नहीं, वापस आने पर सबको कुछ तोहफे देने भी पड़ेंगे। तब शुरू हुई एक अच्छे से शौपिंग
स्थल की खोज।
लेकिन
इस पोस्ट में इतना ही, शौपिंग स्थल का विवरण अगली पोस्ट में.....
पहाड़ों पर उकेरी आकृतियाँ
और साथ में मैं भी
हम दोनों
अद्भुत जानकारी
जवाब देंहटाएंआभार अनीता जी 🙏🙏❤️❤️
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