बुधवार, 10 जुलाई 2024

अज़रबैजान यात्रा (भाग 5)

ज़रबैजान यात्रा (भाग 5) - बाकू की सुहानी शाम


बाकू आइ 

एक रोमांचकारी सुबह की यात्रा के बाद अब बादलों से लदी खुशमिजाज शाम की बारी थी। नियत समय पर होटल से बाहर आ गए। रास्ते के नज़ारे, खूबसूरत इमारतें सब कैद कर लिए, कुछ इमारतें देशभक्ति की जीवंत मिसाल सी लगीं। यहां हर घर कुछ कह रहा था, हर घर अपने देश का झंडा अपने दरवाजे बाल्कनी पर लगा कर अपने देशभक्त होने को प्रमाणित कर रहा था। सभी दृश्य आंखों में समा गए। यहां गाड़ियों के अजब गजब नज़ारे देखने को मिले। अपनी मुंबईया  फिल्मों में जो गाड़ियां 1950 से 1980 तक विलेन से ले कर हीरो तक दौडाते रहे, जो अपने देश में विरले ही दिखती हों, जो शायद सरकारी नियमों  के तहत चलाना जुर्म हो, वहाँ धड़ल्ले से चल रही हैं साथ ही नई गाड़ियां भी एक से बढ़कर एक। आधुनिकता की दौड़ में आलीशान इमारतों, महंगी गाड़ियों, साफ सफाई किसी भी बात में ये देश किसी से पीछे नहीं है, भले इसे आजाद हुए अभी बहुत समय न हुआ हो।  आज की शाम हमें जाना था निजामी स्ट्रीट मतलब दिल्ली का  कनाट प्लेस।  जब हम बाकू आई तक आ पहुंचे तो पता चला कि वहाँ के राष्ट्रपति कहीं जाने को निकले हैं तो कुछ खास रास्ते बंद हैं। बूंदा बांदी भी शुरू हो चुकी थी। बाकू आई भी बंद हो गई थी। अब बारी आई वहाँ के माल में जाने की जो कि वहाँ की बेगम की शाही अंगूठी की डिजाइन पर बनाया गया है यानि कि कमल फूल की आकृति का। इसका नाम डेनिस माल है इसे न्यू पर्ल ऑफ कैस्पियन से भी कहते हैं। वहीं पास में है कार्पेट म्यूजियम है जहां भांति भांति के कार्पेट उपलब्ध हैं और उनका म्यूजियम भी है। डेनिज माल हमारे माल जैसा ही था पर वहाँ झाड़ा-तलाशी नहीं हो रही थी, हमारे यहां की तरह। कुछ देर माल में घूमे फिर रात के खाने के लिए फिर फ्लेवर्स क्यूज़ीन रेस्टोरेंट पहुंचे। रात्रि भोजन के बाद फिर हम निकल पड़े निजामी स्ट्रीट की ओर। इस सड़क का नाम 12वीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध कवि निजामी गांजवी के नाम पर रखा गया है, जिन्हें इस्लामी स्वर्ण युग के सबसे  महान कवियों में से एक माना जाता है। यहां फाउंटेन, ओपेरा, बैले थिएटर, निजामी संग्रहालय सब कुछ मिलेगा आपको। एक तरफ कतारबद्ध खाने के रेस्टोरेंट गाना बजाना शोर शराब था। दूसरी तरफ करीने से सजी दुकानें हैं। यहां की मशहूर मिठाई बकलावा की दुकानों पर ज्यादा लोग जमा दिखे। याद तो अपना कनाट प्लेस भी आया पर यहां की भव्यता, सजावट और सफाई कुछ और ही स्तर की थी। दो घंटे पैदल निजामी स्ट्रीट पर रोमिंग करने के बाद रात 12 बजे हम खुशगवार भीगे मौसम का आनंद लेते हुए वापस अपने होटल लौट आए। अगली सुबह 8 बजे निकलना था वो भी नाश्ता करके तो सबेरे जल्दी उठना भी था। एक नई जगह जाने के रोमांच का सपना आंखों के भर कर हमने अपने आपको गहरी नींद में उलझा लिया।


बाकू आई या हैरिस व्हील 


डेनिज मॉल का दृश्य 



डेनिज मॉल का दृश्य 


निजामी स्ट्रीट रात में 

इस पोस्ट में इतना ही, बाकू में एक अत्यन्त रोमांचक दिन, एक नये सफ़र का विवरण अगली पोस्ट में...


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