मंगलवार, 9 जुलाई 2024

अज़रबैजान यात्रा (भाग 4)

 अज़रबैजान यात्रा (भाग 4) - बाकू की गुलाबी सुबह

अज़रबैजानी कवि के सामने एक चित्र

कल की खुशनुमा शाम के बाद आज अज़रबैजान की राजधानी बाकू में गुलाबी सुबह जाग चुकी थी और उसके साथ ही हम भी तैयार हो कर नाश्ता कर अपने गंतव्य की ओर चल दिए। आज हमारा गंतव्य था पुराना बाकू शहर। जैसा हम सभी जानते हैं हमारे देश में भी आमतौर पर हर शहर में एक पुराना शहर होता ही है वैसे ही यहां भी पुराना है बाकू शहर है। बाकू को दो भागों में बांटा गया है इचारी शाहर और बायर शाहर, इचारी शाहर या इनर सिटी  में रहने वाले यहां के मूल निवासी थे। धीरे धीरे शहर बढ़ा और लोग बाहर आए तबसे ही इसे पुराना बाकू कहा जाता है पुराना बाकू शहर अज़रबैजान की राजधानी का ऐतिहासिक केंद्र है। ये बाकू का सबसे प्राचीन हिस्सा है। जो दीवारों से घिरा है। पुराने शहर में रहने वाले ही 2007 में पुराने शहर की आबादी 3000 थी। दिसंबर 2000 में शिरवानशाह के महल और मेडेन टावर सहित बाकू का पुराना शहर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में वर्गीकृत होने वाला इस देश का पहला स्थान बन गया था। पुराने शाहर का मेडेन टावर 12 शताब्दी का माना जाता है। इसमें प्रवेश के लिए मुख्य द्वार है, जिससे हो कर आप इस पुराने शहर में प्रवेश कर सकते हैं। इसके अंदर है एक महल या पैलेस, एक मिनिएचर बुक म्यूजियम, पुराना बाजार, पुरानी इमारतें, बलखाती खूबसूरत संकरी गलियां।

एक बड़े लकड़ी के  दरवाजे से प्रवेश करते ही दिखती है सामने अज़रबैजानी कवि और ग़ज़ल गायक अलीघा वाहिद (1895-1965) के सम्मान में बना स्मारक। इसे 1990 में बनाया गया था। तीन कलाकरों द्वारा किए गए निरंतर गहन प्रयासों को स्मारक में कलात्मक और स्थापत्य रूप से संबोधित किया गया है। स्मारक के रूप और आकार की मौलिकता कवि के प्रसिद्ध हेमिस्टिच पर आधारित है जिसका उपनाम "ग़ज़लखान” (गजलों की खान) है। इस मूर्ति  के स्वरूप को हम देखते हैं तो इसमें अलग अलग प्रकरण दिखते हैं। सब कुछ उनके चेहरे और सर पर अंकित किया गया है।  इसमें वाहिद की शादी की पार्टी, उनका अंतिम संस्कार, अंतिम संस्कार में विलाप करती स्त्रियां, कवि के दोस्त और सहकर्मी कविता पाठ और ग़ज़ल गाते हुए, सर के निचले भाग में विधानसभा सब कुछ मिल जाएगा। मूर्ति में कवि का सर पेड़ की तरह बढ़ता और जड़ पकड़ता हुआ दिखता है यही ग़ज़लखान का जीवन दर्शन है, यही वाहिद का रहस्य है।

इस मूर्ति के बाद कुछ सकरी गलियां गलियां है जिन्हें पार करते हुए बीच में पड़ता है मिनिएचर बुक म्यूजियम या इसे बाकू का लघु पुस्तकों का संग्रहालय कह सकते हैं। यह दुनिया का एकमात्र लघु पुस्तकों का संग्रह है जो पुराने बाकू में स्थित है, इसका संचालन 2 अप्रैल 2002 में शुरू किया गया।  2015 में लघु पुस्तकों के संग्रहालय को लघु पुस्तकों के सबसे बड़े निजी संग्रहालय के रूप में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।  इस संग्रहालय में  प्रदर्शित पुस्तकों को जरीफा सलाहोवा  ने 30 वर्षों की अवधि में एकत्र किया था। उनके संग्रह में 64  विभिन्न देशों की 6500 से अधिक  पुस्तके शामिल है इस संग्रहालय में दुर्लभ प्राचीन धार्मिक पुस्तक भी हैं जो 100 साल से ज्यादा पुरानी है सबसे पुरानी किताब कुरान है जिसे 1672 में सऊदी अरब में प्रकाशित किया गया था।  इसके अलावा एक लघु पुस्तक है जिसमें बीटल्स के गाने शामिल हैं।  संग्रहालय में संग्रह में नियमित रूप से प्रकाशन जोड़े जाते रहते हैं।  पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और तुर्की के राष्ट्रपति नेता मुस्तफ़ा कमाल आता तुर्क के जीवन को समर्पित लघु पुस्तक भी है।  संग्रहालय में रूसी साहित्य पर एक अलग खंड है अजरबैजानी भाषा में बच्चों के लिए लघु पुस्तक भी हैं। संग्रहालय में हजारों परी आकार की पुस्तक हैं। यहां मैक्रो-मिनी, मिनिएचर, माइक्रो-मिनी, अल्ट्रा-मिनी और माइक्रो पुस्तके हैं। पुस्तक के दुनिया की तीन सबसे छोटी किताबें जिनका आकार 2 मिलीमीटर x दो मिलीमीटर है जिन्हें केवल आवर्धक कांच के उपयोग से पढ़ा जा सकता है। संग्रहालय में सबसे चमत्कारी चीज में एकमात्र ऐसी पुस्तक है जो 6 मिलीमीटर x 9 मिलीमीटर आकार की लघु पुस्तक वाली श्रेणी में है।  यह पुस्तक 1985 में मास्को में प्रकाशित हुई थी इसका चार भाषाओं में अनुवाद किया गया है कुल मिलाकर यह संग्रहालय बहुत खूबसूरत है और अजूबा भी लगता है और साहित्य प्रेमियों के लिए एक तोहफा है। 

यहां से आगे जाते ही पड़ता है शिरवानशाह का महल।  शिरवानशाह द्वारा निर्मित 15वीं शताब्दी का यह महल है और इसे यूनेस्को द्वारा "अजरबेजान की वास्तुकला के मोतियों में से एक" के रूप में वर्णित किया गया है। यह भीतरी शहर में स्थित है इस परिसर में महल की मुख्य इमारत दीवान, दफन कोठरी, एक मीनार के साथ शाह की मस्जिद, सैयद याहिया बाकूवी का मकबरा, दक्षिण पूर्व में पोर्टल, मुराद का गेट, एक जलाशय और स्नान घर के अवशेष हैं। पहले मकबरे के बगल में प्राचीन मस्जिद थी। मकबरे के पश्चिम में स्नान गृह के खंडहर अभी भी मौजूद है। ये एक बहुत ही खूबसूरत महल है।

महल से आगे जाने पर पड़ती है बहुत सी सकरी खूबसूरत गलियां इन गलियों को पार करने के बाद आता है यहां का बाजार जो यहां के लोकल सामानों के लिए मशहूर है। इनको पार करते हुए पुरानी इमारत का मजा लेते हुए आगे बढ़ो तो एक चर्च है। उसके पास में ही पूरे शहर का एक नक्शा है जो यह बताता है कि पुराने बाकोई शहर में कौन सी गली कहां है इसको पार करने के बाद बाहर निकले पुराने बाकू से, तो नया शहर आ जाता है सामने सड़क है सड़क को पार करके आगे चले जाएं तो एक मैदान है। मैदान के बाहर आपको दिखाई देता है आलीशान फैला हुआ कैस्पियन सी या समुद्र। कैस्पियन सागर यह बताता है कि पुराना शहर क्यों था? लोग इसमें क्यों रहते थे? क्योंकि यहां से समुद्र तट भी पास था तो लोगों को आने जाने या सामान लाने की भी सुविधा रही होगी।

बीच में हमने वहाँ के एक अजुबे वाद्ययंत्र (जिसे हैण्ड पैन कहते हैं) की सुरीली धुन और उसके कलाकार को आंखों कानों में बसाया, कैमरे में कैद किया और चल पड़े कैस्पियन सागर के तट की ओर वहाँ सागर की ठंडी हवाओं का आनंद ले कर दोपहर के खाने के लिए लौट आए दोपहर खाना हमने प्रीमियर पैलेस होटल के रेस्टोरेंट में किया। सुहानी शाम का आनंद लेने के लिए शरीर को कुछ आराम चाहिए था तो हम अपने होटल लौट आए।

इस पोस्ट में इतना ही, बाकू की सुहानी शाम का विवरण अगली पोस्ट में...

पुराने बाकू शहर का मुख्यद्वार

अज़रबैजानी कवि का वर्णन


इस मूर्ति में बहुत कुछ उकेरा गया है 

(एन्लार्ज कर देखें)


शिरवानशाह पैलेस


बुक म्यूजियम या किताब म्यूजियम यहाँ भी बुक को किताब कहते हैं

बुक म्यूजियम या किताब म्यूजियम


बुक म्यूजियम या किताब म्यूजियम


वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट


एक पल चैन का


शहर के अन्दर की सजावट 


शहर के अन्दर की सजावट



शहर के अन्दर की सजावट


एक दुकान में प्रवेश करते


शहर के नज़ारे



शहर के नज़ारे


सीढियां उतरकर


पूराने बाकू शहर का पूरा नक्शा एक लोहे की प्लेट में बना कर लगाया हुआ है


कैस्सपियन समुद्र के किनारे सुस्ताते हुए


अज़रबैजान का अजब वाद्ययंत्र जिसे हैण्ड पैन कहते हैं










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