रविवार, 31 जुलाई 2022

रुसवाई

रुसवाई 

 


ईरानी गलीचे पर फैलता इश्क 

गाव तकिये पर अपने आप को सहारा देते 

गिर गिर पड़ते शेर 

अपनी सरहदों को छोड़ हारमोनियम पर 

सर टिकाये 

काफ़िया - रदीफ़ 

तबले के भीतर चुपचाप पड़ी 

सहमी सी थापें 

आँखों से टपकते अशआर

कागज़ के सलीब पर टंगी 

कुछ बेजुबान नज्में 

बाँहों में मातम सी पसरने को बेताब 

अनगिनत, अनकही गज़लें मेरी 

होंठों की मुंडेरों पर ख़राशों से तराशे हुए 

इरशाद और मुक़र्रर से 

चंद अल्फाज़ 

भरे गले की सरहद पर 

फंदे से झूलती मौसिकी 

बंद कमरे की चारदीवारों के बीच 

मचलती बेबस हुस्न की रुसवाई 

ये और कुछ भी नहीं 

तुम्हारी न के जवाब में 

मेरी बेपनाह मुहब्बत की रुसवाई की हद है

बुधवार, 20 जुलाई 2022

भगवान शिव के 12 ज्‍योतिर्लिंग

 भगवान शिव के 12 ज्‍योतिर्लिंग

देश भर में शिवरात्रि पर भक्तिमय माहौल बना हुआ है। सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्‍तों का तांता लगा है। भगवान शिव को भांग-धतूरा चढ़ाकर श्रद्धालु उन्‍हें प्रसन्‍न करने में जुटे हैं, ताकि बाबा भोले की कृपा उन पर बनी रही। ज्‍योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए रात से ही शिवभक्‍त लाइन में लगे हैं। हर ज्‍योतिर्लिंग के बाहर श्रद्धालुओं की कतार लगी है। पुराणों के अनुसार जहां-जहां ज्‍योतिर्लिंग हैं, उन 12 जगहों पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए थे। कहा जाता है कि इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, पूजन, आराधना और नाम जपने मात्र से भक्तों के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं। बाबा भोले की विशेष कृपा बनी रहती है। आइये महाशिवरात्रि के मौके पर आपको द्वादश ज्‍योतिर्लिंग के दर्शन कराते हैं।

देश भर में शिवरात्रि पर भक्तिमय माहौल बना हुआ है। सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्‍तों का तांता लगा है। भगवान शिव को भांग-धतूरा चढ़ाकर श्रद्धालु उन्‍हें प्रसन्‍न करने में जुटे हैं, ताकि बाबा भोले की कृपा उन पर बनी रही। ज्‍योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए रात से ही शिवभक्‍त लाइन में लगे हैं। हर ज्‍योतिर्लिंग के बाहर श्रद्धालुओं की कतार लगी है। पुराणों के अनुसार जहां-जहां ज्‍योतिर्लिंग हैं, उन 12 जगहों पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए थे। कहा जाता है कि इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, पूजन, आराधना और नाम जपने मात्र से भक्तों के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं। बाबा भोले की विशेष कृपा बनी रहती है। आइये महाशिवरात्रि के मौके पर आपको द्वादश ज्‍योतिर्लिंग के दर्शन कराते हैं।

भारत धार्मिक मान्यताओं और पवित्र मंदिरों से बसा देश है, जहां लोग ईश्वर की आराधना करते हैं। यहां कई सारे प्राचीन और पवित्र मंदिर हैं, इनमें भगवान भोलेनाथ के मंदिरों की महिला ही अपार है। कई भक्त हर साल भगवान शिव के इन मंदिरों, शिवालयों में हर साल लाखों की संख्या में जाते हैं। इन्हीं पवित्र शिवालयों में भोलेनाथ के 12 प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भी हैं। इन ज्योतिर्लिंगों का महत्व सबसे अधिक है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों में  भगवान शिव ज्योति के रूप में स्वयं विराजमान हैं। ये सभी ज्योतिर्लिंग भारत के अलग अलग राज्यों में स्थित हैं। इन ज्योतिर्लिंगों के अगर आप दर्शन करना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि इन 12 ज्योतिर्लिंगों का क्या नाम है और ये कहां स्थित है। सबसे ज्यादा ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में स्थित हैं।

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (गुजरात)

गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यहां पर देवताओं द्वारा बनवाया गया एक पवित्र कुंड भी है, जिसे सोमकुण्ड या पापनाशक-तीर्थ कहते हैं।





मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (आंध्र प्रदेश)

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित  है।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश)

मध्य प्रदेश स्थित के उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां प्रतिदिन होने वाली भस्मारती विश्व भर में प्रसिद्ध है।


ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश)

मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में शिव का यह पावन धाम स्थित है। इंदौर शहर के पास जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग है, उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ॐ का आकार बनता है। 

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग (उत्तराखंड)

केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में हिमालय की केदार नामक चोटी पर स्थित है। बाबा केदारनाथ का मंदिर बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है। केदारनाथ समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। 

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पूणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। 

बाबा विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग (उत्तर प्रदेश)

बाबा विश्वनाथ का यह ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश की धार्मिक राजधानी माने जाने वाली वाराणसी शहर में स्थित है। 

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के निकट ब्रह्मागिरि नाम का पर्वत है। इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरू होती है। 

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग (झारखंड)

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड प्रांत के संथाल परगना में जसीडीह रेलवे स्टेशन के करीब स्थित है। धार्मिक पुराणों में शिव के इस पावन धाम को चिताभूमि कहा गया है। 

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (गुजरात)

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के बड़ौदा क्षेत्र में गोमती द्वारका के करीब स्थित है। धार्मिक पुराणों में भगवान शिव को नागों का देवता बताया गया है और नागेश्वर का अर्थ होता है नागों का ईश्वर। द्वारका पुरी से नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी 17 मील की है। 

रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग (तमिलनाडु)

भगवान शिव का यह ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथम नामक स्थान में स्थित है। रामेश्वरतीर्थ को ही सेतुबंध तीर्थ भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम ने की थी। भगवान श्री राम द्वारा स्थापित किए जाने के कारण इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वरम दिया गया है।

घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)

घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के संभाजीनगर के समीप दौलताबाद के पास स्थित है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है। इस स्थान को ‘शिवालय’ भी कहा जाता है।


(सभी चित्र गूगल से साभार )

शुक्रवार, 1 जुलाई 2022

समुद्र मंथन



रात

जब मस्तिष्क

अपने आतंरिक कक्ष में

प्रवेश कर रहा था

सुरमई जुगनू

अंधेरों को रौशन कर रहे थे 

खामोशी अंधेरों को पी रही थी

अंधेरों के कतरे बिखर रहे थे

सांसों का बाज़ार नर्म था

कुछ आयातित कुछ अपहृत सांसें

बेसुकून से उनींदी सी

हर करवट पर कराह रही थीं

इक समुद्र मंथन होने लगा

चेतन, अवचेतन, अतिचेतन सांसें

पूरी गरिमा के साथ धरने पर बैठ गयीं

विस्मृतियों की धूल धुंधलाने लगी

सांसें किसी का एकाधिकार न होने की

विडम्बना से मचलने लगीं

चौदह घड़ी, चौदह पल, चौदह विपल

बीत गए

एक धनवंतरी की तलाश में

पर हाय

सांसों के हाथ आया हलाहल

मस्तिष्क के आंतरिक कक्ष की देहलीज़ पर

ठिठक कर ठहर गया

एक आघात, एक पक्षाघात

और हृदयाघात की आहट 

और हो गया 

सांसों का अवसान 

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