अज़रबैजान यात्रा (भाग 6) - गबाला की रोमांचक सैर
हम सबेरे 8 बजे निकले थे दूरी ज्यादा थी। 5 घंटे तो लग गए
पहुंचने में रास्ते में हमने रुक कर एक राज रेस्टोरेंट में लंच किया । लंच बहुत
अच्छा था उसके बाद हम फिर गबाला के लिए निकल गए इस देश में भी हमारे देश की तरह
रास्ते में टॉयलेट की सुविधा है। पेट्रोल
पंप और कुछ रेस्टोरेंट और कुछ जगह पर टॉयलेट है। उसमें पैसे भी नहीं देने पड़ते
हैं यहां पर होटल के बाहर जितने भी टॉयलेट आपको मिलेंगे वह सब इंडियन स्टाइल के
मिलेंगे और होटल के अंदर टॉयलेट में पानी के लिए जेट और सारी सुविधा मिल जाती है।
हम गबाला पहुंचने तक वैसे ही थक गए थे पर जोश भरपूर था। हमने यहां दो-तीन घंटे
बिताए पर जैसा कि इसके बारे में सुना और
पढ़ा था यहां वैसा स्वर्ग जैसा हमें कुछ भी नहीं दिखा। हो सकता है, गर्मी बहुत थी और
बर्फ भी नहीं थी, न ही कोई खेल और मनोरंजन का कोई साधन मिला फिर भी हमने वहाँ का
जितना भी हो सका आनंद लिया, ऊपर तक गए, मजे किए, ठंडी हवा का आनंद लिया और और लौट
चले अगले नए पड़ाव नेहूर झील की तरफ।
यह नेहूर झील गबाला से 3 किलोमीटर पूर्व में गुल्लुबुर, गोयदाग और युमुरू
पहाड़ों के बीच प्राकृतिक रूप में स्थित है। नेहूर झील गबाला की सबसे खूबसूरत जगह
में से एक है । यहां से काकेशस पर्वतों का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है। शांत वातावरण में पक्षियों की आवाजें बहुत ही
मनोहारी लगती हैं। इस झील का उपयोग जलाशय के रूप में किया जाता है और यह गबाला के
आसपास के क्षेत्र को पीने का पानी प्रदान करती है । यह मछली पकड़ने के लिए बेहतरीन
जगह है और आप यहां पर नौका विहार का भी आनंद ले सकते हैं । झील के बाहर के इलाकों
में बहुत सारे रेस्टोरेंट है जहां आप यहां के लोकल खानपान और इंडियन खाने या
शाकाहारी खाने और तरह-तरह के नाश्ते और बियर का आनंद ले सकते हैं। वहाँ पैडल बोट
का आनंद लिया। वहाँ पर हमने आलू के स्पाइरल जो इंडिया में भी मिलते हैं वैसे
स्पाइरल खाए। एक आलू स्पाइरल की कीमत पांच मनत थी जो लगभग ₹250
हुए और दो जूस लिए 8-8 मनत के थे जो लगभग ₹800 के दो जूस हुए। यहां के मनोहारी दृश्य को आंखों में सहेज कर हम अगले
स्थल की ओर निकल गए और यह था 7 ब्यूटी वॉटरफॉल ।
7 ब्यूटी
वॉटरफॉल काकेशस पर्वत की सबसे ऊंची चोटियों से गिरने वाला चट्टानी झरना गबाला गांव
वंदन में स्थित है। 7 ब्यूटी वॉटरफॉल का नाम उन सात पहाड़ी
सड़कों के नाम से आया जिन्हें पार करके हम झरने तक पहुंच सकते हैं। सर्दियों में
यहां पहुंचना इसलिए मुश्किल है क्योंकि झरना पूरी तरह से जम जाता है। वसंत और
गर्मी में ही आप इसका आनंद उठा सकते हैं। वहाँ चढ़ाई बहुत थी फिर भी काफी ऊपर तक
गए। झरनों और कलकल बहते पानी को देख सारी थकान दूर हो गई। फिर हम चल दिए वापस लौटने
के लिए । वापस पहुंच कर बाकू के किसी एक रेस्टोरेंट पर कुछ पेट पूजा की। थकान बहुत
हो गई थी एक ही दिन में 5 घंटा जाना और 5 घंटा आना । हम लोग शायद रात 12:00 बजे अपने होटल
पहुंचे और अगले दिन फिर किसी नई मंजिल की तलाशकर, उस तक समय से पहुंचने का उपक्रम
करना था। कुछ नया देखना था, जानना था इसलिए हमने सबसे पहले रात की मंजिल के लिए
बिस्तर की ओर कदम बढ़ाए और सपनों में खोने के लिए लेट गए।
कुल मिलाकर कहूँ तो
गबाला की यात्रा गर्मी के मौसम में मुझे बहुत सुखद नहीं लगी। जितना और जैसा बोला
गया था, वैसा तो वहाँ कुछ भी नहीं था। कहते हैं एयरपोर्ट से सीधे गबाला जाओ वहाँ
दो रात रुको। हो सकता है सर्दियों में अच्छा लगता हो पर गर्मियों में तो बिल्कुल
नहीं। थकान ज्यादा हुई कुछ देखने को खास नहीं था। यह ठीक है कि 7 वॉटर फॉल्स तो अभी ही दिखेंगे सर्दियों में जमे हुए मिलेंगे और लेक अच्छी
थी। सेवन वॉटर फॉल्स अच्छे थे पर इतना
देखने के लिए 10 -12 घंटे की यात्रा, एक
मुश्किल सफर था। ये एक अच्छा फैसला और सुझाव नहीं था।
बाकू में
एक अत्यन्त रोमांचक दिन की समाप्ति और बस इस पोस्ट में इतना ही, कल एक नये सफ़र का विवरण
अगली पोस्ट में...
गबाला कैफ़े और रिसोर्ट
गबाला में कुआड बाईक














बहुत बढ़िया। क्रम से देखते हैं फुरसत में। 👌
जवाब देंहटाएंजी जरूर ,🙏🙏
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