रिश्तों में जीवन
भूकंप में नहीं गिरते घर
गिरते हैं मकान
मकान ही नहीं गिरते
गिरती हैं उनकी छतें
छतें भी यूँ ही नहीं गिरती
गिरती हैं दीवारें
गिरातीं हैं अपने साथ छतें
फिर अलग अलग घरों के
बचे खुचे जीवित लोग
मिल कर बनाते हैं
पहले से कहीं अधिक
मजबूत दीवारों वाले मकान
फिर बनाते है घर
होते हैं तैयार
आने वाली किसी
आपदा विपदा के लिए
आओ सीखें
भूकंप और भूकंप पीडितों से कुछ
सजाएँ संभालें पिरोयें जीवंत करें
भूले बिसरे टूटे
अमान्य, मृतप्राय
रिश्तों को.