बादल
जब आसमान पर बादल छाए
तुम याद हमें भी आयी हो.
काले बादल का जमघट
ज्यों केशावली लहराई हो.
बादल में बिजली की चम- चम
ज्यों तुम आज कहीं मुस्काई हो.
सर सर सर सर चले पवन
ज्यों चुनरी तुमने लहराई हो.
पानी में मिट्टी की खुशबू
ज्यों साँस तुम्हारी आयी हो.
खिड़की पर बूंदों की छम-छम
ज्यों झांझर तुमने झनकायी हो.
ठंडी बूंदों की वोह सिहरन
ज्यों पास कहीं तुम आयी हो.
बारिश में वो इन्द्रधनुष
ज्यों ली तुमने अंगडाई हो.
पानी की अविरल जल धारा
ज्यों तुम आलिंगन कर आयी हो.
मेरी अश्रु धारा में
ज्यों तुम आज नहा कर आयी हो.