ताने- बाने
यादों के ताने बानों ने,
फिर नया जाल बिछाया है,
मेरे मन की चंचलता को,
वहीं कैद कर आया है,
भूली बिसरी और पुरानी,
यादों का न्योता आया है,
तन्हाई और गूंगे पल,
सब साथ यहीं ले आया है,
मेरा आँचल आज उन्हीं,
सुधियों से भर आया है,
यादें बातें सुख दुःख सब कुछ,
क्या याद तुम्हें भी आया है,
बरसों ऐसे बीत गए,
क्यों,अब प्रेम सुधा छलकाया है,
इतने बरसों मौन रही मै,
क्यों आज मुझे बतलाया है,
मेरे मन का अंतर्द्वंद है ये,
या मेरी अभिव्यक्ति की मर्यादा है,
मन में कितना कोलाहल है,
पर मन आज यही कह पाया है,
देख तुम्हारा चंचल मन,
आँखों में अपना बचपन उतराया है,
झोली में खुशियाँ भरने को,
सारा अंबर हरखाया है,
विपुल हुईं आशाएं पुलकित,
ये अपना ही तो जाया है,
विधि से पहले विजय नहीं है,
क्यों ये आज समझ में आया है.
जबलपुर वाली दीदी की शादी की पच्चीसवीं सालगिरह पर आशा दीदी विजय जीजा जी बच्चों विपुल और विधि को मेरी ओर से एक छोटी सी भेंट.
"... विधि से पहले विजय नहीं है..."
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी अभिव्यक्ति!
सादर
मधुरेश
भावभीनी बधाई . पढ़कर आनद आया .. शुभकामनाये मेरे तरफ से भी
जवाब देंहटाएंमेरा आँचल आज उन्ही
जवाब देंहटाएंसुधियों से भर आया है, ....
यादें ही तो एक ऐसी दोस्त हैं....जो हुजूम में आती हैं .....बहुत सुन्दर!
यादे तो ऐसी हि होती है हरदम नया जाल बिछाने को तैयार ..
जवाब देंहटाएंबहूत हि बेहतरीन रचना....
bahut sundar rachana...ma'am
जवाब देंहटाएंआज हलचल की बदोलत आपकी सुन्दर रचना पढ़ने का मौका मिल गया.
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत भाव प्रबल यादें ....
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति
शुभकामनायें ...!
अति सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंमेरे मन का अंतर्द्वंद है ये,'
जवाब देंहटाएंफिर भी कितना निर्द्वंद है ये
बहुत सुन्दर
इन मधुर भावनाओं के साथ मेरी शुभ-कामनायें भी स्वीकारें !
जवाब देंहटाएंshubhkamna ke liye bahut hi sundar rachna hai aapki------
जवाब देंहटाएंशुभकामना भरी सुंदर कविता । हमारी और से भी अनेक शुभ-आशिर्वाद ।
जवाब देंहटाएंविपुल हुई आशाएं पुलकित
जवाब देंहटाएंयह अपना ही जाया है
विधि से पहले विजय नहीं है
आज समझ में आया है
बढ़िया गीत लिखा है आशा है आगे भी पढ़ पायेंगे ...
शुभकामनायें !