एकाकीपन
वीरान पडी इन सडकों पर,
दो कदम तुम्हारा साथ मिले तो,
एकाकीपन मिट जायेगा.
भीड़ भरी इन सडकों पर,
खामोशी जो मिल जाये तो,
एकाकीपन मिट जायेगा.
कशमकश की इन राहों पर,
तन्हाई जो मिल जाए तो,
एकाकीपन मिट जायेगा.
आकुल व्यकुल इन राहों पर,
गुमनाम कोई जो मिल जाए तो,
एकाकीपन मिट जायेगा.
वीरानी इन सडकों पर,
दो कदम तुम्हारा साथ मिले तो,
एकाकीपन मिट जायेगा.
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 15 -09 - 2011 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं...नयी पुरानी हलचल में ... आईनों के शहर का वो शख्स था
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ....
जवाब देंहटाएंsunder abhivyakti.
जवाब देंहटाएंएकाकीपन गीत सृजन का तत्व हुआ
जवाब देंहटाएंइसीलिये एकाकी से अपनत्व हुआ.
भाव-पूर्ण अभिव्यक्ति.
मिल जाए जो खामोशी तो एकाकीपन मिट जाएगा ....बहुत सुंदर प्रस्तुति । शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंभावों से भरी हुई अभिव्यक्ति।
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