बादल
जब आसमान पर बादल छाए
तुम याद हमें भी आयी हो.
काले बादल का जमघट
ज्यों केशावली लहराई हो.
बादल में बिजली की चम- चम
ज्यों तुम आज कहीं मुस्काई हो.
सर सर सर सर चले पवन
ज्यों चुनरी तुमने लहराई हो.
पानी में मिट्टी की खुशबू
ज्यों साँस तुम्हारी आयी हो.
खिड़की पर बूंदों की छम-छम
ज्यों झांझर तुमने झनकायी हो.
ठंडी बूंदों की वोह सिहरन
ज्यों पास कहीं तुम आयी हो.
बारिश में वो इन्द्रधनुष
ज्यों ली तुमने अंगडाई हो.
पानी की अविरल जल धारा
ज्यों तुम आलिंगन कर आयी हो.
मेरी अश्रु धारा में
ज्यों तुम आज नहा कर आयी हो.
बादल , प्रकृति और प्रेम का समन्वय है यह रचना ...!
जवाब देंहटाएंवाह......
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर....
अनु
बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन पर्व की हार्दिक अग्रिम शुभकामनाएँ!
इंडिया दर्पण पर भी पधारेँ।
Waah !waah !! Waah!!! shabd nahi hai kahne ko....bahut pasand aai rachna aapki ....
जवाब देंहटाएंप्रकृति तत्व का अद्भुत समन्वय..
जवाब देंहटाएंउमड़ते बादल और घुमड़ते ख्याल
जवाब देंहटाएंयहाँ भी बादल छाये हैं।
जवाब देंहटाएंखिड़की पर बूंदों की छम-छम
जवाब देंहटाएंज्यों झांझर तुमने झनकायी हो
रून झुन - रून झुन सूना रही हो .... !!
वाह ! सावन अपने पूरे यौवन पर दिखाई दे रहा है इस रचना में . बस बरखा ही नहीं आ रही .
जवाब देंहटाएंवाह ....
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर..
प्रकृति में ये प्रेम की उपमाये
बहुत सुन्दर मनभावन है...
:-)
सावन और प्रेम का सुंदर मिलन देखने को मिला इस रचना में ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...
सादर !
बहुत सुंदर .... प्रकृति के बिम्ब ले कर मनोभावों को लिखा है ...
जवाब देंहटाएंबरसात में भीगी बहुत सुंदर कविता ....
जवाब देंहटाएंDua karti hun,ki,aapki srujan kshamata yuun hee banee rahe.
जवाब देंहटाएंखिड़की पर बूंदों की छम-छम
जवाब देंहटाएंज्यों झांझर तुमने झनकायी हो.
बारिश में भीगे हुए शब्द सुंदर लग रहे हैं।
बहुत सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंआया सावन झूम के,,,,,,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति,,,,,,,
RECENT POST,,,इन्तजार,,,
बहुत ही अच्छी रचना.. बहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएंvery nice post .thanks .
जवाब देंहटाएंTHIS IS MISSION LONDON OLYMPIC
INDIAN WOMAN
प्रकृति का मानवीकरण और सहज उपादान के रूप में रचना में हुआ है .सुन्दर मनोहर रचना है रचना जी की .
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर शब्द संयोजन ..... प्रकृति का उम्दा चित्रण
जवाब देंहटाएंसावन सी मन मोहक रचना ज्यों
जवाब देंहटाएंभीग -भाग चंचल सी मुस्काई हो ......
ठंडी बूंदों की वोह सिहरन
जवाब देंहटाएंज्यों पास कहीं तुम आयी हो.
वाह!! बड़ा प्यारा सा गीत है...
बारिश जगा ही देती है..सुन्दर अहसास...
वाह .... बहुत ही बढिया ।
जवाब देंहटाएंwah re varsha....:)
जवाब देंहटाएंबरसात में भीगी बहुत सुंदर प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब! बहुत भावपूर्ण और मनभावन रचना....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब! बहुत भावपूर्ण और मनभावन रचना....
जवाब देंहटाएंप्राकृति ... प्रेम और समर्पण ... रचना लाजवाब बन आई है ...
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