फागुन में
तन मेरा महुआ हुआ जाता है फागुन में,
हर घाव मरहम हुआ जाता है फागुन में.
ये खुमारी ये सिहरन अजब सी हवा में,
नशा भांग को हुआ जाता है फागुन में.
अंबर की सियाही से खत चाँद ने लिखा,
नशा भांग को हुआ जाता है फागुन में.
अंबर की सियाही से खत चाँद ने लिखा,
आंचल बदली का ढला जाता है फागुन में.
बालों की लटों से ढांप रखा है चेहरा उसने,
मुख गुलाल हुआ जाता है फागुन में.
जाऊं न जाऊं कहाँ जाऊं ठहर जाऊं,
मन उसका बयार हुआ जाता है फागुन में.
भीगा सा तन मन है भीगा सा आंचल,
बिन उनके अंगार हुआ जाता है फागुन में.
मिलने की आस हो और मिल न पाए,
आँखों में रंग उतर आता है फागुन में.
तन मेरा महुआ हुआ जाता है फागुन में,
हर घाव मरहम हुआ जाता है फागुन में.
आपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 27/03/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंकितना कुछ हो जाता है फागुन..
जवाब देंहटाएंहोली की बहुत-बहुत शुभकामनायें !!
जवाब देंहटाएंवाह !
जवाब देंहटाएंकोई बिछुड़ा याद आता है फागुन में।
होली की शुभकामनायें।
मिलने की आस हो और मिल न पाए,
जवाब देंहटाएंआँखों में रंग उतर आता है फागुन में.
महुआ सी महकती गज़ल
वाह होलीमय गज़ल
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति होली पर,आभार.
जवाब देंहटाएं"स्वस्थ जीवन पर-त्वचा की देखभाल:कुछ उपयोगी नुस्खें"
फागुन तो जैसे प्रेम की अभिव्यक्ति का माध्यम हुआ जाता है ... वो भी निश्छल प्रेम के रंगों का ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंहोली की बहुत-बहुत शुभकामनायें !!
क्या बढ़िया फागुनी बयार... :-)
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर!
~सादर!!!
तन मेरा महुआ हुआ जाता है फागुन में, हर घाव मरहम हुआ जाता है फागुन में
जवाब देंहटाएं......बेहतरीन प्रस्तुति होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें !!!!!
बसंत फागुन और होली,,,बसन्ती बयार और उपर से होली का त्यौहार हो तो रंगों में गुल तो खिलेगा ही,,,बहुत उम्दा ,,,
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनायें!
Recent post: रंगों के दोहे ,
क्या बात है...खूब गुलाल सी कविता है ये तो :)
जवाब देंहटाएंBAHUT ACHCHHE BHAW HAIN FAGUN MEN
जवाब देंहटाएंफागुन के रंगों में जीवन के भी कितने रंग ....
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत फागुनी ग़ज़ल.होली की शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंबहका महका रंगबिरंगा फागुन
जवाब देंहटाएंशानदार !
तन मेरा महुआ हुआ जाता है फागुन में
जवाब देंहटाएंबहुत सराहनीय प्रस्तुति.बहुत सुंदर . आभार !
जवाब देंहटाएंले के हाथ हाथों में, दिल से दिल मिला लो आज
यारों कब मिले मौका अब छोड़ों ना कि होली है.
मौसम आज रंगों का , छायी अब खुमारी है
चलों सब एक रंग में हो कि आयी आज होली है
wah bahut hi sundar rachana likhi hai apne .......bilkul shabdon ke rang se bhigo diya apne ....holi pr hardik badhai Rachana ji .
जवाब देंहटाएंहोली मुबारक
जवाब देंहटाएंholi ki hardik shubhkamna
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंहोली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ...
:-)
फागुन में ऐसी फागुनी रचना पढ़ने को मिले तो रंग और गहरा जाते हैं।
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएं!
http://voice-brijesh.blogspot.com
बढ़िया प्रस्तुति :होली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंlatest post धर्म क्या है ?