रविवार, 24 मार्च 2013

फागुन में

फागुन में



तन मेरा महुआ हुआ जाता है फागुन में,
हर घाव मरहम हुआ जाता है फागुन में.

ये खुमारी ये सिहरन अजब सी हवा में,
नशा भांग को हुआ जाता है फागुन में.

अंबर की सियाही से खत चाँद ने लिखा,
आंचल बदली का ढला जाता है फागुन में.

बालों की लटों से ढांप रखा है चेहरा उसने,
मुख  गुलाल हुआ जाता है फागुन में.

जाऊं न जाऊं कहाँ जाऊं ठहर जाऊं,
मन उसका बयार हुआ जाता है फागुन में.

भीगा सा तन मन है भीगा सा आंचल,
बिन उनके अंगार हुआ जाता है फागुन में.

मिलने की आस हो और मिल न पाए,
आँखों में रंग उतर आता है फागुन में.

तन मेरा महुआ हुआ जाता है फागुन में,
हर घाव मरहम हुआ जाता है फागुन में.

25 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 27/03/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!

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  2. वाह !
    कोई बिछुड़ा याद आता है फागुन में।
    होली की शुभकामनायें।

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  3. मिलने की आस हो और मिल न पाए,
    आँखों में रंग उतर आता है फागुन में.

    महुआ सी महकती गज़ल

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  4. फागुन तो जैसे प्रेम की अभिव्यक्ति का माध्यम हुआ जाता है ... वो भी निश्छल प्रेम के रंगों का ...

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  5. बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति
    होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें !!

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  6. क्या बढ़िया फागुनी बयार... :-)
    बहुत सुंदर!
    ~सादर!!!

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  7. तन मेरा महुआ हुआ जाता है फागुन में, हर घाव मरहम हुआ जाता है फागुन में
    ......बेहतरीन प्रस्तुति होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें !!!!!

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  8. बसंत फागुन और होली,,,बसन्ती बयार और उपर से होली का त्यौहार हो तो रंगों में गुल तो खिलेगा ही,,,बहुत उम्दा ,,,

    होली की हार्दिक शुभकामनायें!
    Recent post: रंगों के दोहे ,

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  9. क्या बात है...खूब गुलाल सी कविता है ये तो :)

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  10. फागुन के रंगों में जीवन के भी कितने रंग ....

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  11. बहुत खूबसूरत फागुनी ग़ज़ल.होली की शुभकामनायें.

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  12. बहका महका रंगबिरंगा फागुन
    शानदार !

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  13. तन मेरा महुआ हुआ जाता है फागुन में

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  14. बहुत सराहनीय प्रस्तुति.बहुत सुंदर . आभार !

    ले के हाथ हाथों में, दिल से दिल मिला लो आज
    यारों कब मिले मौका अब छोड़ों ना कि होली है.

    मौसम आज रंगों का , छायी अब खुमारी है
    चलों सब एक रंग में हो कि आयी आज होली है

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  15. wah bahut hi sundar rachana likhi hai apne .......bilkul shabdon ke rang se bhigo diya apne ....holi pr hardik badhai Rachana ji .

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  16. बहुत ही भावपूर्ण रचना...
    होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ...
    :-)

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  17. फागुन में ऐसी फागुनी रचना पढ़ने को मिले तो रंग और गहरा जाते हैं।
    होली की शुभकामनाएं!
    http://voice-brijesh.blogspot.com

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  18. बढ़िया प्रस्तुति :होली की शुभकामनायें
    latest post धर्म क्या है ?

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