तुम्हारे लिये
एक बार फिर
कल तुमने इतनी दूर से ही
मेरे मन मेरी आत्मा को
मेरे भीतर कहीं दूर तक छुआ.
तुम्हारे शब्द कानों के रास्ते
मेरे शरीर में अब तक
घुल रहे हैं धीमे धीमे.
घुल रहे हैं धीमे धीमे.
और मैं भी
जानती हूँ ये सब
केवल मेरा मन रखने को
नहीं कहा था तुमने.
इतने इतने इतने सालों बाद भी
तुम्हारी आवाज़ में
वही नयापन वही सच्चाई वही खनक.
वही वही वही सब कुछ था.
तुमने जब कहा
दोपहर सोते हुए सपने में
तुमने मुझे देखा
मैं बोल रही थी उठ जाओ
नहीं तो रात को
नींद नहीं आएगी.
और तुम झपट कर उठ बैठे
फोन पर बताया
आज भी सपने में
मैं सिर्फ तुम्हें ही देखता हूँ.
मैं ... निःशब्द ...
मेरी आँखों की कोरों पे
चमक उठे थे
कुछ बेशकीमती मोती.
चुचाप समेट उन्हें
एक बार फिर
साँस की डोर में
पिरो लिया है
बस तुम्हारे लिए.
:)
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भाव अर्पण ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें
सुन्दर भाव.
जवाब देंहटाएंकई आवाज़ें ताज़ा रहती हैं हमेशा ... दिल के करीब रहती हैं मुद्दतों तक ... ढलकते आंसू तो बार यूं ही निकल आते हैं ...
जवाब देंहटाएंभावमय रचना ...
समर्पण के सुंदर भाव
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भावों के साथ सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंभावमय रचना ,सुंदर भाव
जवाब देंहटाएंउम्दा अनुभूति की अद्धभुत अभिव्यक्ति !!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भाव लिए उत्कृष्ट रचना,आभार.
जवाब देंहटाएं:-)) ... mujhe to behad maarmik lagi..होली के अवसर पर थोडा गुलाल मेरे तरफ से भी स्वीकार करे
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव..
जवाब देंहटाएंभाव संसिक्त बिम्ब प्रधान रचना कृपया चुचाप शब्द दुरुस्त करें (चुपचाप )
जवाब देंहटाएंwaah, premras se bhari bahut sunder rachna
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen
सुन्दर प्रस्तुति आदरेया-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें-
बेहतरीन - बेहतरीन - बेहतरीन
जवाब देंहटाएंऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर गयी !!
बहुत भावपूर्ण सुन्दर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,बधाई
जवाब देंहटाएंRecent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,
मार्मिक
जवाब देंहटाएंसुंदर...भाव पूर्ण रचना बहुत अच्छा लगा पढ़ना...
जवाब देंहटाएंबहुत सुद्नर आभार आपने अपने अंतर मन भाव को शब्दों में ढाल दिया
जवाब देंहटाएंआज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
एक शाम तो उधार दो
आप भी मेरे ब्लाग का अनुसरण करे
बहुत सुन्दर रचना है !
जवाब देंहटाएंबहुत अपनेपन से लिखी,अनोखे रिश्ते को दर्शाती रचना!
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति...रचना जी!
~सादर!!!
बहुत अपनेपन से लिखी,अनोखे रिश्ते को दर्शाती रचना!
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति...रचना जी!
~सादर!!!
बड़ी प्यारी व कोमल रचना..
जवाब देंहटाएंहम जिससे बेइन्तिहा प्रेम करते हैं उसकी यादें हमारी आँखों में यूँ मोती बन कभी कभी झिलमिला जाते हैं
जवाब देंहटाएंसुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट. बेहतरीन भाव....
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