पर तुम न आये
होंठों ने कितने ही गीत गाये
आँखों ने सपने सजाये
कितने ही मौसम गुज़रे
कितने ही सावन आये
पर तुम न आये.
कभी सोचा तेरे होंठों की छू पायें
पर आस पास थे भौरों के साये
ये बात और है कि हमने
कुछ ज्यादा ही सपने सजाये
पर तुम न आये.
बिछुड़ गए अपने ही सब साए
आज मेरे ख्वाब ही ख्वाब होने की आये
शुक्र है तुम आज मेरी मजार पर आये
फूल चढाने न सही,
ले जाने तो आये.
बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंकभी सोचा तेरे होंठों की छू पायें
जवाब देंहटाएंपर आस पास थे भौरों के साये
ये बात और है कि हमने
कुछ ज्यादा ही सपने सजाये
पर तुम न आये।
कुछ ख्वाब अधूरे क्यूँ रह जाते ....
उम्दा अभिव्यक्ति !!
तुम आज मेरी मजार पर आये
जवाब देंहटाएंफूल चढाने न सही,
ले जाने तो आये.
बहुत उम्दा भाव पूर्ण पंक्तियाँ,,बधाई रचना जी,
Recent post: गरीबी रेखा की खोज
मगर तुम न आये --- बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंदो जगह की -- की जगह -- को होना चाहिए शायद ।
सुन पुकार ओ सुनने वाले..
जवाब देंहटाएंविरह भी क्या क्या लिखा देता है .... खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंइंतज़ार में हमेशा ही ख़ुशी और अवसाद की मिट्टी गुंथी रहती है ....विरह का दर्द और मिलने की आस ...बहुत सुन्दर मूर्ति ढाली है आपने उस मिट्टी से
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ... प्रेमी मन की प्यास को बाखूबी शब्दों का जामा पहनाया है ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब ...
आशा बनी रहे ...
जवाब देंहटाएंआपकी टिपण्णी हमें प्रासंगिक बनाए रहती है ,ऊर्जित करती है .शुक्रिया आपका तहे दिल से .इस शिद्दते मोहब्बत का ज़वाब नहीं -शुक्र है आज तुम मेरी मज़ार पे तो आये ....
जवाब देंहटाएंरचना जी,,,आपका कमेन्ट स्पेम था भूल बस मोबाईल द्वारा आपका कमेंट् डिलीट हो गया इसके लिए मै क्षमाप्रार्थी हूँ,,,,
जवाब देंहटाएंRecent post: गरीबी रेखा की खोज
जुदा हो करके के तुमसे अब ,तुम्हारी याद आती है
जवाब देंहटाएंमेरे दिलबर तेरी सूरत ही मुझको रास आती है
कहूं कैसे मैं ये तुमसे बहुत मुश्किल गुजारा है
भरी दुनियां में बिन तेरे नहीं कोई सहारा है
बेह्तरीन अभिव्यक्ति .शुभकामनायें.
वाह ... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंआभार
इंतज़ार का दर्द .....
जवाब देंहटाएंकोमल भावों से सजी रचना
जवाब देंहटाएंबेहतरीन...भावपूर्ण!!
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत भावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुतिकरण सुन्दर शब्द चयन,आभार है आपका
जवाब देंहटाएंआज की मेरी नई रचना जो आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है
ये कैसी मोहब्बत है
इंतज़ार का दर्द............खूबसूरत रचना ......
जवाब देंहटाएंINTZAR KE LAMHO KI KHOOBSHURAT
जवाब देंहटाएंPRASTUTI