दिल्ली का दिल
हमारे शहर में
कोई व्याकुल है
ब्याह रचाने को
तैयार हैं बाराती
बैंड बाजा घोड़ी गाड़ी.
पंडित करता है हर बार
एक तिथि की घोषणा
दुल्हन की तरफ से हर बार
आता है एक जवाब डाक्टर का
दुलहन को समय चाहिए.
दुलहन बीमार है
हर बार एक नई बीमारी
मलेरिया, डेंगू, अपच, लकवा, पीलिया
मुहसे और अब चेचक
पूरी देह पर बड़े बड़े गड्ढे धब्बे.
गर्द माटी से सनी देह
हाँ मेरे शहर का दिल
कनाट प्लेस बेताब है
पिछले चार सालों से
दुलहन बनने को.
हम सब उसे देखने को
इस बार फिर एक नई तिथि
मिली है उसको
तीस जून.
Kadvi sachhayee....mre blogpe aayen...mera dard sajha karen!
जवाब देंहटाएंदिल स्वस्थ रहे, धड़कता रहे, सुन्दर रहे।
जवाब देंहटाएंएक नई तिथि मिली है उसको तीस जून।
जवाब देंहटाएंदुआ करें इस बार डोली उठ ही जाये
बेहतरीन सुंदर अभिव्यक्ति ,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : बेटियाँ,
कड़वा सच - तारीख पै तारीख - जो हमारी नियति बन चुकी है
जवाब देंहटाएंजून तक दुल्हन बन संवर जाएगी इसमे संदेह ही है
जवाब देंहटाएंएक कडवा सच बयाँ कर दिया।
जवाब देंहटाएंशहर की कडवी सच्चाई व्यक्त की है वाकई दिल्ली अब बेदम दिल्ली
जवाब देंहटाएंहो गयी है-----
गहन अनुभूति
बधाई
आग्रह हैं पढ़े
ओ मेरी सुबह--
यही कह सकते हैं --- सफल होगी तेरी आराधना !
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं दिल्ली को ..
जवाब देंहटाएंदिल्ली भी दिल रखती है और दिल में दर्द भी ??
जवाब देंहटाएंये शादी रोज़ सुबह शाम भुगतनी पड़ती है मुझे तो
जवाब देंहटाएंबहुत बदलाव की जरूरत है देश की राजधानी जैसे शहर के लिए.
जवाब देंहटाएंबहुत सही।। काव्य के रूप में सही शब्द।
जवाब देंहटाएंsahi kaha
जवाब देंहटाएंसच कहा दिल्ली का दिल बीमार है ...
जवाब देंहटाएंतारीख पे तारीख ... तारीख पे तारीख ... खुदा खैर करे अब तो ...
खुबसूरत अप्रत्यक्ष कथन शादी मनभावन हो
जवाब देंहटाएंकटाक्ष करने में सफल रचना |
जवाब देंहटाएंयही कामना करते है दिल्ली स्वस्थ रहे..
जवाब देंहटाएंदिल्ली के बारे में बिलकुल सही फिट है कविता.. अच्छी रचना...
जवाब देंहटाएंदिल्ली के बारे में बिलकुल सही फिट है कविता... अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सटीक अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंआपकी तरह यह इंतजार हमें भी रहेगा...
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावपूर्ण निशब्द कर देने वाली रचना . गहरे भाव...बिल्कुल सटीक जरूरी कार्यो के ब्लॉगजगत से दूर था
जवाब देंहटाएंआप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ