संकेत
फूलों का खिलना एक
एक सकारात्मकता,
एक उत्सव, एक उल्लास, एक उत्पत्ति.
पास के एक गांव में
एक विशेष प्रजाति के बांस का झुरमुट
अचानक पट गया फूलों से
और पट गए
गावं के बुजुर्गों के माथे
चिंता की लकीरों से.
इन फूलों का खिलना.
एक नकारात्मकता, एक विपत्ति.
धरती माँ की छाती फटने का संदेश.
हाँ
कुछ गांवों में फल फूलों के साथ
अकाल के आने की ये दस्तक है.
शुभप्रभात
जवाब देंहटाएंएक नई जानकारी मिली
सादर
सुंदर ! प्रकृति अनेकों रूप में उपलब्ध है .. शायद हम अभी तक नहीं समझ पाए
जवाब देंहटाएंफूलों का खिलना .....अकाल का आना ,,,क्या यह विरोधाभास ........अन्धविश्वास नहीं है ?
जवाब देंहटाएंlatest post वटवृक्ष
शुक्र है बांस अपने जीवनकाल में सिर्फ एक बार ही फूलता है....
जवाब देंहटाएंअनु
मैंने भी इसके बारे में कभी किसी टीवी पर देखा था. बढ़िया जानकारी.
जवाब देंहटाएंकिसी फूल का खिलना .अकाल का संकेत । बढ़िया प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसकारात्मकता में कभी कभी नकारात्कामता के भाव भी होते हैं ...
जवाब देंहटाएंक्या ये सब अंधविश्वास की बाते हैं या कोई तथ्य है ... शायद समय के गर्भ में हैं ये सब जवाब ...
कुछ इस तरह की जानकारी मैंने पढ़ी थी और कविता की उत्पत्ति का कारण भी आप सभी के साथ शेयर कर रही हूँ. मिजोरम में जहाँ बांस की खेती ३१ प्रतिशत जगह में होती है यह घटना बहुत खतरनाक सिद्ध होती रही है. यद्यपि यह घटना वहां ४८ साल के बाद आती है.
हटाएं"Scientifically speaking the odd phenomena of bamboo flowering, is termed 'gregarious bamboo flowering' because the bamboo clumps flower all at the same time only once in the plants' lifetime. This phenomena spells disaster and causes ecological havoc. The reasons behind this strange occurrence are that bamboo plants die after flowering. And will be after some years before bamboo plants take seed again, leaving bare exposed soil – that spells disaster in mountainous states - and ultimately leading to food scarcity, as the animals depend on bamboo plants. Secondly the rats feed on the flowers and seeds of the dying bamboo tree which activates a rapid birth rate among the rodents, which leads to the huge rat population feeding on agricultural crops in the fields and granaries and causing famine."
strange phenomena !
हटाएंपुरानी घटनाओं की पुनरावृत्ति पुनः संकेत होते हैं।
जवाब देंहटाएंसार्थक रचना रचना जी
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (20-05-2013) के 'सरिता की गुज़ारिश':चर्चा मंच 1250 पर ,अपनी प्रतिक्रिया के लिए पधारें
सूचनार्थ |
धन्यवाद सरिता जी 'सरिता की गुजारिश' - चर्चा मंच में शामिल करने हेतु.
हटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति के साथ बढिया जानकारी॥
जवाब देंहटाएंबिलकुल नयी जानकारी .... आभार ।
जवाब देंहटाएंजी हाँ मैं भी बहुत पहले से सुनता आ रहा हूँ की बांस के फुल आना अकाल का परिचायक है.
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जवाब देंहटाएंअच्छा या बुरा -- प्रकृति अपना सन्देश दे ही देती है।
बढिया जानकारी...................
जवाब देंहटाएंयह एक प्राकृतिक सन्देश है आपने बखूबी दर्शाया
जवाब देंहटाएंप्रकृति है, इसके अपने रंग हैं.
जवाब देंहटाएंपरमात्मा की इस सृष्टि में कुछ भी व्यर्थ नहीं होता..इसके पीछे भी कोई राज होगा...
जवाब देंहटाएंsundar prastuti
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ का अनुसरण कर बहुत कुछ देखें और पढें
बहुत ही अच्छी जानकारी ...
जवाब देंहटाएंAisabhi hota hai?Shayad ye mere jeewan ka bhi saty hai.....jab mai bahut khilkhilati hun to maheenon rona padta hai....
जवाब देंहटाएंओह ...बांस में फूल लगे पहली बार देखे .....
जवाब देंहटाएंऔर यह उक्ति भी पहली बार सुनी ....
Greaaaaaaaaaa! beautiful juxtaposition of opposites. really great !
जवाब देंहटाएंप्रकृति के कई अबूझ संकेतों में एक तो है ही...
जवाब देंहटाएंबिलकुल नयी .....बहुत ही भावपूर्ण निशब्द कर देने वाली रचना . गहरे भाव.
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