राजनीति इधर भी
कभी अकड़ती इतराती
भाव खाती कोई सब्जी
अचानक बेचारी हो जाती
जब दूसरी दो चार सब्जियाँ
लजाती लड़खड़ाती गिर पड़ती,
हम उसे थाम लेते
बस जाती वो
हमारी आँखों में
संकटमोचन बन,
पर अब वो बात नहीं
इसके पहले कि
उपयुक्त समय जान
कोई लजाये, लड़खड़ाये, गिर पड़े.
भाव खाती सब्जी
सबको सहारा दे
उठाती है अपने साथ.
ऊपर से देखने में
अलग अलग दल
श्रेणियाँ हैं इनकी
अब अंदर सब एक हैं
सब्जी का राजा आलू
गृह मंत्री टमाटर
वित्त मंत्री प्याज
फलों के शहंशाह आम
करते हैं मंत्रणा
एक वातानुकूलित कक्ष में
और पल भर में ही
गरीबी रेखा पर
झूलता मेरा संसार
मेरा चूल्हा, चौका
कुपोषण के शिकार
साग भाजी को
तकते मेरे बर्तन
आ जाते हैं
गरीबी रेखा के ऊपर
जानना चाहती हूँ
साग भाजी में राजनीति है
या राजनीति में साग भाजी
या हर साँस हर आस में राजनीति.
वित्त मंत्री प्याज :-)
जवाब देंहटाएंतभी भाव बढे हैं....
बढ़िया रचना है !!!
अनु
प्याज़ की राजनीति से बचा न कोय
जवाब देंहटाएंबड़ा जो भाव इसका ,गद्धी अपनी खोय....
आदरणीया रचना दी
जवाब देंहटाएंसुंदर सत्य !
.......बहुत बढ़िया
वाह ! क्या खूब कहा है .. फिर से वाह!
जवाब देंहटाएंराजनीति को प्याज ही क्यूँ पसन्द है...
जवाब देंहटाएंभाव बढ़ा बढ़ा कर रुलाते रहते हैं|
सब्जीओं की राजनीति. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंlatest post आभार !
latest post देश किधर जा रहा है ?
जबसे सब्जियां ही राजनीति करने लगी हैं,
जवाब देंहटाएंतबसे सब्जियां भी मुर्गियां सी लगने लगी हैं.
खूबसूरत अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंराजनीति के पार कैसे जाये कोई ....
.सब्जियो की राजनितिया..बहुत बढिया.
जवाब देंहटाएंप्याज के कारण दिल्ली की सरकार बदल गई,तबसे सब्जियों का राजनीतीकरण हो गया,,,,
जवाब देंहटाएंवाह !!! बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ,,
RECENT POST : पाँच( दोहे )
प्याज़ फिर लगी राजनीति में
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ..............प्याज़ की राजनीति...........बहुत बढिया.
जवाब देंहटाएंवाह कमाल की अभिव्यक्ति !!
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन रचना..
जवाब देंहटाएं:-)
राजनीति ही राजनीति है. अति सुन्दर.
जवाब देंहटाएंसब्जियाँ तो खुद ही राजनीति का शिकार हो रही हैं .... प्याज़ को वित्त मंत्री का पड़ा सटीक दिया है :)
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} पर किसी भी प्रकार की चर्चा आमंत्रित है ये एक सामूहिक ब्लॉग है। कोई भी इनका चर्चाकार बन सकता है। हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल का उदेश्य कम फोलोवर्स से जूझ रहे ब्लॉग्स का प्रचार करना एवं उन पर चर्चा करना। यहॉ भी आमंत्रित हैं। आप @gmail.com पर मेल भेजकर इसके सदस्य बन सकते हैं। प्रत्येक चर्चाकार का हृद्य से स्वागत है। सादर...ललित चाहार
जवाब देंहटाएंउफ़ ये राजनीति
जवाब देंहटाएंयह तो सिर्फ शोषण है
जवाब देंहटाएंलगता है यहाँ भी वित्त मंत्री इस सरकार को ले डूबेंगे ...
जवाब देंहटाएंक्या सामजस्य बिठाया है आपने ...
राजनीति से कोई अछूता नहीं
जवाब देंहटाएंप्याज ने फिर निकलवाये आंसूं
जवाब देंहटाएंअब तो हरी सब्जियां ही धांसूं ।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंsabzion ney to sach mein behal kiya....rajniti pahley hi behal thi ....sunder prastuti
जवाब देंहटाएंवैसे आपने लिखा तो बहुत सटीक है
जवाब देंहटाएंपसंद आया
बधाई
वाह, खूबसूरत,लाजवाब रचना.
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar rachna hai Rachna ....aisi anoothi aur adbhut kalpana ..... jahan tak raajneeti ka sawal hai, yah to sab se bada sawal hai ki rajneeti kahan kahan hain ya fir yun kahen ki raajneeti kahan nahin hai ?
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