कब लगेंगे पेड़
कब फूटेंगी कोपलें,
कब खेलूंगी
धूप छावं का खेल.
कब आँगन में किसी बच्चे की
बन के छाया
अठखेलियाँ करूंगी.
कब आएगा बादल.
कब बरसेगी बदली.
कब दिन भर अपने घर बैठ
चिंतन करूंगी.
आगे बढ़ने होड़ में,
ऐ दुष्ट प्राणी!
तूने क्या खोया, क्या पाया?
पैसा कमाने की होड़ में
भूल गया मुझ दुखयारी को.
थक गयी हूँ मैं.
मुझे विश्राम चाहिए.
मुझे कुछ पेड़ चाहिए.
थक गयी हूँ मैं
जवाब देंहटाएंमुझे विश्राम चाहिए
मुझे कुछ पेड़ चाहिए
शुक्रिया आपने भी माना ,विश्राम चाहिए !!
http://vranishrivastava1.blogspot.in/2012/12/blog-post_27.html
जवाब देंहटाएंजितने इन्सान बढ़ रहे हैं , उतने पेड़ भी बढ़ने चाहिए।
जवाब देंहटाएंहालाँकि दिल्ली में तो काफी हरियाली है।
बहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंइंसान सब कुछ खा चुका है .. इस पर्यावरण को भी ... अब पेड़ दुर्लभ प्रजाति हो जाएंगे ...
विश्राम चाहिए...
जवाब देंहटाएं♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
♥नव वर्ष मंगबलमय हो !♥
♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥
ऐ दुष्ट प्राणी!
तूने क्या खोया, क्या पाया?
पैसा कमाने की होड़ में भूल गया मुझ दुखयारी को.
थक गयी हूँ मैं. मुझे विश्राम चाहिए.
मुझे कुछ पेड़ चाहिए.
व्यापक दृष्टिकोण से उत्पन्न भाव... और कमाल की संवेदनशीलता !
आदरणीया रचना दीक्षित जी
वाऽह ! क्या बात है !
आपकी लेखनी से सदैव सुंदर , सार्थक , श्रेष्ठ सृजन होता रहे …
नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार
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बोयेंगे मोती के दाने, उगेंगे महल सपनों के,
जवाब देंहटाएंरचेंगे इस धरा पर हम, अपने आस हाथों से,,
HAPPY NEW YEAR
मुझे नही लेना एयर कंडीशन में आराम
जवाब देंहटाएंमुझ को दिला दो घने पेड़ की छाया में विश्राम ....
सही आरजू !
शुभकामनायें!
सच है ! विश्राम चाहिए ! पेड़ चाहिए....
जवाब देंहटाएं~सादर !!!
पेड़ तो चाहिए - प्रेरक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाऽह,,,क्या बात है!बहुत ही सुंदर सार्थक प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएं====================================
recent post : नववर्ष की बधाई
वह दिन शीघ्र आएगा, शुभकामनायें आपको
जवाब देंहटाएंऐ दुष्ट प्राणी!
जवाब देंहटाएंतूने क्या खोया, क्या पाया?
पैसा कमाने की होड़ में भूल गया मुझ दुखयारी को.
थक गयी हूँ मैं. मुझे विश्राम चाहिए.
...बहुत सार्थक सन्देश...एक सुन्दर संवेदनशील रचना...
बहुत ही सुंदर और सार्थक लेखन -हरियाली ही खुशहाली है
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंआपकी सभी सद्य टिप्पणियों का शुक्रिया .आदरणीय भाव रखेंगे सभी महिलामात्र के प्रति यही इस बरस का शुभ सामूहिक संकल्प होना चाहिए .आभार .
जवाब देंहटाएंये बलात्कार प्रजातंत्र के साथ था .निर्भया ने एक पूरा तंत्र हिला दिया ,जी हाँ एक ही निर्भया ने .......उसकी याद में आओ पेड़ लगाएं ,धूप कम करें ,छाया लायें .नव वर्ष शुभ हो .
अच्छा चिंतन
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सच कहा आपने ... सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंप्रभावी लेखन,
जवाब देंहटाएंजारी रहें,
बधाई !!
वर्ष की सांध्यबेला पर सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंनववर्ष की हार्दिक बधाई।।।