करवा चौथ
इस करवा चौथ
नहीं महसूस हुई तुम्हारी कमी
एक रात पहले ही भर जो लिए थे
बहुत से टिमटिमाते तारे आँखों में
न भूख, न प्यास,
न व्यथा, न प्रतीक्षा.
महसूस करती रही
हर टिमटिमाते तारे में तुम्हें
दिन भर जगमगाती रही
उसी प्रकाश में मैं
तारों ने भी अच्छी दोस्ती
कर ली थी एक दूसरे से
जानते हो फिर क्या हुआ
शाम होते ही एक दूसरे का हाथ थाम
आपस में मिल गए सब
और मेरे लिए मात्र मेरे लिए
बना दिया एक बड़ा सा चाँद
फिर क्या था
भरपूर निहारा उसे, पूजा उसे,
गले से लगाया उसे
अब आसमान में चाँद
निकले न निकले...
एक अनूठी रचना ...
जवाब देंहटाएंये चाँद आपके साथ बना रहेगा हमेशा ..
मंगल कामनाएं !
बहुत सुंदर , स्नेह भरी रचना ... शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंढेर सारे तारों का एक चाँद....वाह क्या कल्पनाशीलता है...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.
अनु
सुंदर ..
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जवाब देंहटाएंआप की रचना अच्छी लगी !!
बहुत सुंदर रचना , ... शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंवाह बडे प्यारे भाव हैं।
जवाब देंहटाएंचाँद की सौगात सबके घर
जवाब देंहटाएंसार्थक
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत अहसास संजोय भावमय करती अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है .... अलग किस्म का चाँद ... सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर स्नेह भरी भावभिव्यक्ति,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : समय की पुकार है,
इस त्योहार की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट भावों की सहज अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंवाह, प्रेम के कितने अनुपम भाव !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर !!
सादर
मधुरेश
shubhkaamnaayen !!
जवाब देंहटाएंtaaron ke prakaash se prakaashmaan kavita....
saadar
शानदार और सराहनीय प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंवाह रचनाजी ...बहुत ही रास आया आपका यह चाँद ...वाकई अपने आप में अनोखा ...
जवाब देंहटाएंएक रात पहले ही भर जो लिए थे
जवाब देंहटाएंबहुत से टिमटिमाते तारे आँखों में
aapake shabdon ne karawan chauth par babuji ki yaad dila di maa ki aankhon men maine ye dekha hai.
PRANAM SWIKAREN
सुंदर अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंगगन चाँद तो बस प्रतीक है,
जवाब देंहटाएंमनशशि उदित यही सार्थक है।
विगत रात्रि वह होता ओझल,
इसकी ज्योति अचल व्यापक है।
सुंदर सत्यमना रचना।
भावपूरित अनुप्राणित अनुभावों से अनुभूति की सघनता लिए अप्रतिम रचना .मेरे ब्लॉग पे आपकी टिप्पणी हमारे लिए बेशकीमती हैं .शुक्रिया .
जवाब देंहटाएंअब आसमान में
जवाब देंहटाएंचाँद निकले न निकले...
वास्तविक चाँद से प्रेम की भीतर अभिव्यक्ति ...!
समर्पण और संतुष्टि - अद्भुत
जवाब देंहटाएंकोमल और खुबसूरत भाव से
जवाब देंहटाएंसजी बहुत सुन्दर मनभावन
रचना...
:-)
aajkal tumhare jaise chaand ki sabko aavashyakta hai....kash har koi pa leta aisa chaand.
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर भावमयी रचना...
जवाब देंहटाएंछोटी छोटी खुशियों से दामन भर लेने का सुन्दर सन्देश बहुत सुन्दर तरीके से ..
जवाब देंहटाएंरचना जी ने रची ...अपने मन की सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनायें!
गज़ब |
जवाब देंहटाएंbahut hi sunder kavita... pyar ke mithe ehsason se bharu hui. sunder prastuti.
जवाब देंहटाएंहर शब्द लाजवाब हैं। प्रस्तुति अच्छी लगी। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्यार भरी रचना...
जवाब देंहटाएंमैं एक योजना पर काम कर रही हूं. मेरे ब्लॉग पर आएं और अवगत कराएं...
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