मुक्तक
1.
एक बेबस सी औरत
जो खड़ी है ऐसे मंज़र पर
एक हाथ में कलम
दूसरे में दस्तरख्वान है
एक तरफ लज़ीज़ पकवान हैं
दूसरी तरफ दुःख की दास्तान है.
2.
लोग बन्दों को खुदा बनाते हैं
मैंने खुदा को बन्दा बनाने की
हिमाकत की है
वो जो बोलता नहीं
समय से पहले
अपनी गठरी खोलता नहीं
लोग कहते हैं
वही खुदा है
पर हर बन्दा जो हमको मिला
खुदा हो गया
खुदा की तरह न बोला, न मुस्कराया,
बस फना हो गया.
3.
आज हवा में कुछ हरारत सी है
कोई हया से पिघल गया होगा.
आज हवा में शरारत सी है
कोई शरीर दिल मचल गया होगा.
आज हवा में कुछ नमी सी है
कोई आंख भिगो गया होगा.
आज हवा में कुछ कमी सी है
कोई रुखसत हो गया होगा.
वाह.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....
सभी मुक्तक भावपूर्ण..
अनु
nice presentation....
जवाब देंहटाएंAabhar!
Mere blog pr padhare.
वाह...
जवाब देंहटाएंसभी मुक्तक बहुत सुन्दर है..
:-).....
हवा में ताजगी सा कुछ खोया तो लगता है।
जवाब देंहटाएंसभी मुक्तक कमाल के..... बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंवाह ;सभी मुक्तक भावपूर्ण और खुबसूरत हैं..
जवाब देंहटाएंआज हवा में कुछ हरारत सी है
जवाब देंहटाएंकोई हया से पिघल गया होगा.,,,सुंदर पंक्तियाँ,,,
सभी मुक्तक पसंद आये,,,,बधाई,,,,
RECENT POST,परिकल्पना सम्मान समारोह की झलकियाँ,
सुन्दर! सचमुच!
जवाब देंहटाएंहवा के रुख से मालुम हो जाता है बीमार का हाल ... बहुत खूब हैं सभी मुक्तक ...
जवाब देंहटाएंआज हवा में भी कुछ नमी सी है
जवाब देंहटाएंकोई आँखें भिगो गया होगा ....
बहुत गहरे भाव हैं रचना जी ....
बधाई !
बेहतरीन .
जवाब देंहटाएंतीसरे में तो दुनिया समाई है .
एक औरत का खाका और खुदा की सूरत.. अंत में हवाओं से पता पाते हुए.. आपकी क्षणिकाएं खूबसूरती की मिसाल हैं.. हर बार कुछ नया कहने की आपकी कला इन रचनाओं में भी दिखाई दे रही है!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचनाएँ
जवाब देंहटाएंजीवन के विविध आयामों को समेट लिया है क्षणिकाओं में, अंतिम रचना के लिये खास तौर से दाद कबूलें.....
जवाब देंहटाएंभाव प्रवण कविता। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है।
जवाब देंहटाएंभाव प्रवण कविता। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर लिखा है आपने रचना जी....
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएंदूसरा मुक्तक लाजवाब है! भाव और शब्द दोनों सम्मोहित करते है.
जवाब देंहटाएंआभार.
तीनो मुक्तक सारगर्भित हैं। तीसरा अधिक सुकून देता है।
जवाब देंहटाएंbahut hi achhi kshanikayen
जवाब देंहटाएंवाह ! वाह!! खुदा और बंदा दो नहीं हैं..आखिर सिद्ध हो ही गया..हवा का भी दिल होता है यह भी..
जवाब देंहटाएंवाह ...सभी मुक्तक बहुत बढ़िया .... खुदा वाला बेहतरीन
जवाब देंहटाएंसचमुच किसी के रुखसत होने से कुछ कमी हो जाती है
जवाब देंहटाएंअच्छे लगे तीनों मुक्तक
बहुत सुन्दर रचनाएं हैं रचना जी.
जवाब देंहटाएंये मुक्तक झटके में कुछ मुक्त कर गया..बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंयूँ तो सभी मुक्तक अच्छे लगे ,पर अंतिम वाला मन को भिगो गया .......
जवाब देंहटाएंउम्दा मुक्तक ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत..!! और सुन्दर शब्दों का तानाबाना..
जवाब देंहटाएंसादर
मधुरेश
बेहद खूबसूरत मोती जैसे ही ।
जवाब देंहटाएंसभी मुक्तक बहुत बढ़िया ...!!!
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