परिवर्तन
परिवर्तन सृष्टि का नियम है
ये प्रगति का द्योतक है,
ये ही समय की मांग है.
फिर भी कभी वांछनीय, कभी अवांछनीय है
पुरुष वेश में स्त्री, स्त्री वेश में पुरुष तो आज मान्य है
किन्तु स्त्री का पूर्ण पुरुष,
पुरुष का पूर्ण स्त्री में परिवर्तन
कुछ असहज सा लगता है.
मैं भी जानती हूँ एक ऐसी ही
नदी/ युवती/ स्त्री को
कभी नवयौवना सी अल्हड़, मदमस्त.
अपने ही पाटों को तोड़ बिखरने को आतुर
कभी प्रेयसी बन अपने प्रियतम के पांव पखारती
कभी जननी बन देती जन्म असंख्य कमल कुमुदनियों को
कभी ममता से ओत-प्रोत पुचकारती, दुलराती.
जल जीव-जंतुओं को,
काली, लंबी, सिकुड़ी, सहमी, सिमटी पर सुडौल (टाल, डार्क, हैंडसम)
क्या किसी ने कानों में रस घोला था ?
स्त्री होने से बेहतर है, टाल, डार्क, हैंडसम पुरुष ?
अपने अस्तित्व को बचाए रखने का मात्र उपाय था ?
समाज के उत्पीड़न से बचने का विकल्प ?
कुछ भी हो...
स्वेच्छा से तो न धरा होगा उसने ये रूप.
हाँ! मैंने...
सच मैंने...
अपनी आँखों के सामने
अपनी आँखों के सामने
लिंग परिवर्तन होते देखा है.
यमुना नदी को नाले का रूप धरते देखा है.
परिवर्तन सृष्टि का नियम है ये प्रगति का द्योतक है
जवाब देंहटाएंबेहद गहन और सूक्ष्म अभिव्यक्ति……………हर अनकहा कह दिया और वो भी बडी सादगी के साथ मगर गंभीरता बरकरार रखी।
सच मैंने...
जवाब देंहटाएंअपनी आँखों के सामने
लिंग परिवर्तन होते देखा है.
यमुना नदी को नाले का रूप धरते देखा है.
गहन भाव....अद्भुत बिम्ब चुनकर रची प्रभावी रचना
वाह......
जवाब देंहटाएंअद्भुत भाव लिए सार्थक रचना....
बधाई.
परिवर्तन ही जीवन है.. शायद अब यही इसी परिवतन को स्वीकार नयी पीढ़ी अपने जीवन को धुंड रही है ...
जवाब देंहटाएंअपनी आँखों के सामने
लिंग परिवर्तन होते देखा है.
यमुना नदी को नाले का रूप धरते देखा है.
बहुत सुन्दर पंक्तिया!
यमुना नदी को नाले का रूप धरते देखा है
जवाब देंहटाएंयथार्थ की कलात्मक अभिव्यक्ति।
ab jaagnaa hogaa
जवाब देंहटाएंnahee to nadiyon ko sookhtaa bhee dekhnaa hogaa
sarthak rachnaa..
शानदार शानदार शानदार
जवाब देंहटाएंसच मैंने...
जवाब देंहटाएंअपनी आँखों के सामने,
लिंग परिवर्तन होते देखा है.
यमुना नदी को नाले का रूप धरते देखा है.
परिवर्तन एक प्राकृति प्रकिया है...
बहुत शानदार सुंदर रचना...रचनाजी ....
.
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: आँसुओं की कीमत,....
सुंदर रचना...रचना जी ,
जवाब देंहटाएंपरिवर्तन सृष्टि का नियम है !
सच मैंने...
जवाब देंहटाएंअपनी आँखों के सामने
लिंग परिवर्तन होते देखा है.
यमुना नदी को नाले का रूप धरते देखा है.
Kya gazab kee baat kahee aapne!
अकल्पनीय भी सत्य होते जा रहे हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत खतरनाक है यह लिंग परिवर्तन....
जवाब देंहटाएंसुन्दर कलात्मक अभिव्यक्ति...
सादर.
पर्यावरण पर अद्भुत बिम्ब ले लार सही बात कही है ... बहुत अच्छी रचना ... सोचने पर मजबूर करती हुई
जवाब देंहटाएंसच है की मजबूरी में ऐसा किया होगा ... वर्ना कौन नदी नाला बनना चाहती है ... गहन सोच ...
जवाब देंहटाएंआखिरी पंक्ति ने झिझ्कोड़ कर रख दिया ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ।
गहन अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंspell bound..... beautiful....
जवाब देंहटाएंआखिरी पंक्ति दुखी कर गयी मगर यह सच्चाई है और मानव जनित है !
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें यमुना मैय्या को !
परिवर्तन सत्य है लेकिन इसकी गति और दिशा में विचलन हमे नियंत्रित रखने ही होगे अन्यथा दुष्परिणाम अवश्यम्भावी होगे . सुँदर .
जवाब देंहटाएंसच मैंने...
जवाब देंहटाएंअपनी आँखों के सामने
लिंग परिवर्तन होते देखा है.
यमुना नदी को नाले का रूप धरते देखा है.
मन को छू गई ये पंक्तियां ..
बहुत सुंदर शब्दों का संयोजन.... गहन सोच ...... बधाई
जवाब देंहटाएंरचना में धरातल तलाशने पर ज्ञात हुआ कि रचना का धरातल बहुत ऊँचा है, स्थूल से सूक्ष्म की ओर जाती अनुभूतियाँ , वाह !!!! शब्दहीन कर गईं, मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें इस उत्कृष्ट रचना के लिये
जवाब देंहटाएंbahut hi prabhavshali abhivyakti...
जवाब देंहटाएंअनोखे अंदाज मे आपने नदियों के प्रति अपनी शब्दांजलि दी है। माँ गंगा का भी बुरा हाल है। आंदोलन जारी है..ईश्वर मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करे।
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आदरणीया रचना दीक्षित जी
सादर नमस्कार !
निस्संदेह उत्कृष्ट रचना … हमेशा की तरह
… बधाई तो क्या कहूं , नमन है ! प्रणाम है !!
लेकिन … समझना है -
यमुना नदी ने नाला बन कर कुछ अधिक भी पाया यमुना की तुलना में ?
बदलाव और लिंग परिवर्तन सागर में समाहित हो'कर भी होता ही होता …
…बहुत लंबी चर्चा बनती है यहां … … …
लगभग इन्हीं प्रतीकों को ले'कर कई वर्ष पहले एक लंबी कविता कही थी मैंने । कभी पढ़वाऊंगा …
शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
-राजेन्द्र स्वर्णकार
सच मैंने...
जवाब देंहटाएंअपनी आँखों के सामने
लिंग परिवर्तन होते देखा है.
यमुना नदी को नाले का रूप धरते देखा है.
....अदभुत ! बहुत गहन और प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति...
रचना जी,
जवाब देंहटाएंनमस्ते!
द ओनली कोंसटेंट इज़ चेंज!
"लिंग परिवर्तन' वाला कटाक्ष बड़ी ज़ोर से लगा...
समझ भी आ गया!!
आशीष
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द नेम इज़ शंख, ढ़पोरशंख !!!