तरंगें
पीछे घूम कर देखती हूँ.
कभी हम पास थे.
इतने, इतने, इतने,
कि सब कुछ साझा था हमारे बीच.
यहाँ तक की हमारी सांसे भी.
दूरी सा कोई शब्द न था, हमारे शब्द कोष में.
अब तुम इतने दूर हो.
कुछ अपरिहार्य कारणों से,
ऐसा तुम कहते हो.
इतने, इतने, इतने,
कि पास जैसा कोई शब्द न रहा,
अब हमारे शब्दकोष में.
कुछ अदृश्य तरंगें भेज रही हूँ तुम्हें.
महसूस कर जरा बताना,
मेरी सांसों कि गति.
पढ़ा है कहीं,
दो सच्चे प्रेम करने वालों के बीच,
होती हैं कुछ अदृश्य,
विद्दुत चुम्बकीय तरंगें,
जो बिना कुछ सुने,
मन का हाल जान लेती हैं.
(यह चित्र मेरी बेटी ने बनाया है, उसका आभार)
दो सच्चे प्रेम करने वालों के बीच,
जवाब देंहटाएंहोती हैं कुछ अदृश्य,
विद्दुत चुम्बकीय तरंगें,
वाह , कितना सही कहा ।
बेहतरीन प्रेममयी रचना ।
चित्र तो लाज़वाब है ।
आप रचनाकार हैं तो बेटी उम्दा कलाकार । बधाई ।
लाजवाब तस्वीर है...
जवाब देंहटाएंतस्वीर के माध्यम के अलावा एक बात और जानने की इच्छा है...कि कविता तस्वीर के लिए लिखी गयी या तस्वीर कविता के लिए बनायी गयी ...?
दोनों इतने परफेक्ट हैं कि क्या कहें...!
कुछ कहने की चाहत न कह पाने की कशमकश ..बहुत ही खूबसूरती से भावो को शब्द दिए हैं.और कविता तो माशाल्लाह....
जवाब देंहटाएंआपकी लेखन प्रतिभा को सलाम.
जवाब देंहटाएंसच्चा प्रेम ऐसे प्रेत की तरह है जिसकी बातें तो सब करते हैं लेकिन देखा किसी ने नहीं..
जवाब देंहटाएंबहुत ही ख़ूबसूरत तस्वीर....मानना पड़ेगा, और रचना तो उससे भी सुन्दर...
जवाब देंहटाएंदो प्रेम करने वालों के बीच सचमुच कोई अदृश्य बंधन होता है..जिसमे तरंगें शुन्य रेजिस्टेंस के साथ सुपर कंडकटीविटी के तर्ज पर काम करता है.. आपकी कविता मन को छू गई...
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी कविता और उससे भी प्यारा सुंदर चित्र।
जवाब देंहटाएंRachna Ji,
जवाब देंहटाएंaapki Nazm se pahle saath ke chitr ki baat karna chahenge....unbelievable ...ye chitr aapki beti ne banaya hai...kitni khoobsoorati hai ismein aur kya finish....kaun si painting hai ye aur aapki beti abhi kitni badi hai ?
utsuktavash dher saare sawaal pooch liye:-)
ab aate hain aapki nazm par jo last mein electro magnetic wave ki baat aap kar gai hain wo to gazab hai ....yakeenan science ki student rahi hain aap....aapki kavitaon mein aksar jhalak milti hai
दो सच्चे प्रेम करने वालों के बीच,
जवाब देंहटाएंहोती हैं कुछ अदृश्य,
विद्दुत चुम्बकीय तरंगें,
रचना जी कमाल की तरंगें हैं बहुत खूब। बधाई।
तरंग स्थापित करना कठिन होता है, स्थापित होने पर तोड़ना कठिन होता है।
जवाब देंहटाएंbahut hee sundar rachnaa... vakai me vidhyut tarange to hoti hain... aur us par itni sundar rachnaa... aapki beti ne chitr banaya vo kabile tareef hai.....bahut hee sundar aur kavita ke prasang se juda huva.. Bitiya ko bhi badhai..
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार..
जवाब देंहटाएं... जानदार-शानदार पोस्ट !!!
जवाब देंहटाएंदो सच्चे प्रेम करने वालों के बीच,
जवाब देंहटाएंहोती हैं कुछ अदृश्य,
विद्दुत चुम्बकीय तरंगें,
जो बिना कुछ सुने,
मन का हाल जान लेती हैं.
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Telepathy !
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कुछ अदृश्य तरंगें भेज रही हूँ तुम्हें.
जवाब देंहटाएंमहसूस कर जरा बताना,
मेरी सांसों कि गति....
अनूठे बिंब लिए हैं आपने अपनी रचना में ... पर सच है प्रेम में ये तरंगें ही संदेश देती हैं ....
दो सच्चे प्रेम करने वालों के बीच,
जवाब देंहटाएंहोती हैं कुछ अदृश्य,
विद्दुत चुम्बकीय तरंगें,
सिर्फ...प्रेम करने वालों के ही नहीं सच्चे दोस्तों के बीच भी...:)
बहुत ही ख़ूबसूरत रचना
चित्र - अद्भुत!
जवाब देंहटाएंकविता - उत्तम!!
trMge to pahuMceMgee hee|
मनोज
राजभाषा हिन्दी
अदृश्य तरंगें!बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंचित्र और कविता दोनों अति सुन्दर.
फोटो तो बहुत ही अच्छी हैं जी.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
...आप की बेटी को सुंदर चित्र बनाने के लिए बधाई!...जैसा कि आपने कहा, चुंबकीय तरंगे सही में अपना कार्य कर रही होती है...धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब है आपकी यह अभिव्यक्ति रचना जी----।
जवाब देंहटाएंसहमत हू आप इस विचार से ,दूरियां कितनी भी हो अगर प्रेम सच्चा है तो मन का हाल जानते देर नही लगती
जवाब देंहटाएंचित्र और कविता दोनों ही खूबसूरत
जवाब देंहटाएंBahut khoob define kiya hai aapne prem ko
जवाब देंहटाएंAur aapki Beti bhi aapki tarah rachnakar hai
दो कलाओं का अदभुद संगम ।
जवाब देंहटाएंदो सच्चे प्रेम करने वालों के बीच,
जवाब देंहटाएंहोती हैं कुछ अदृश्य,
विद्दुत चुम्बकीय तरंगें,
वाह क्या बता कही है और चित्र भी लाजबाब है.
चित्र बेहद मनमोहक है , और कविता उतनी ही लाजवाब
जवाब देंहटाएंregards
kya jodee hai ek artist ek poetess......bahut acchee Rachana kee rachana lagee.....
जवाब देंहटाएंaur chitr to sone me suhaga..........
bitiya ko aasheesh.
सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंसच तो कहा है....की अद्रश्य तरंगे सच्चे प्यार करने वालो को दिल की बात अनुभव करा ही जाती हैं.
सुंदर चित्र.
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना 02-11-2010 मंगलवार को ली गयी है ...
जवाब देंहटाएंकृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया
wahwa.....aap dono ki prastuti badiya hai....
जवाब देंहटाएंmaa beti ne milkar gazab dha diya hai.tareef ke liye shabd hi nahi hai.
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना, सुंदर प्रस्तुति...धन्यवाद! ...दिपावली की शुभ-कामनाएं!
जवाब देंहटाएंरचना माँ,
जवाब देंहटाएंनमस्ते!
चित्र देख के मैं समझा था, बेटा आज भी समझ नहीं आएगी!
हिम्मत करके पढ़ ली.... आश्चर्य है.... समझ आ गयी!
मुमकिन है के सतही तौर पे....
(मैं बुरी डूबन डरी.... रही किनारे बैठ)
वैसे चित्र अच्छा है!
आशीष
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पहला ख़ुमार और फिर उतरा बुखार!!!
खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर
डोरोथी.
Hamesha ki treh behad alag aur behad gehri...samajh aayi ya nahi ye to nahi pata magar pasand zarur aayi h:)
जवाब देंहटाएंprem ek adbhud ehsaas hai, jo ki har manusya ke jiwan men umang bhar deta hai | bahut sundar rachna! bahut - bahut shubh kamna
जवाब देंहटाएंसबसे पहले तो "शुभ दीपावली"
जवाब देंहटाएंये रचना तो अदभुद है
चित्र उससे भी अदभुद है
बहुत ख़ूबसूरत रचना और उसका मर्म... चित्र बेहतरीन.
जवाब देंहटाएंतरंगे तो वाकई होती हैं..
आप को सपरिवार दीपावली मंगलमय एवं शुभ हो!
जवाब देंहटाएंमैं आपके -शारीरिक स्वास्थ्य तथा खुशहाली की कामना करता हूँ
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंदो सच्चे प्रेम करने वालों के बीच,
जवाब देंहटाएंहोती हैं कुछ अदृश्य,
विद्दुत चुम्बकीय तरंगें,
जो बिना कुछ सुने,
मन का हाल जान लेती हैं.
बहुत सुन्दर ....