खबर की दुनिया
खबर की दुनिया में खबर बेचारी
अपनी ही खबर से बेखबर हो गयी है.
टी वी, टी आर पी कि बेदर्द दुनिया
खबर के लिए एक शज़र हो गयी है.
जयाप्रदा तू फिसल कर देख गिरी थी ऐसे,
तेरे लिए ये एक अनफोरगेटेबल मिरर हो गयी है.
सम्वेदनाओं को कैसे तोड़े मरोड़े,
इनके लिए ये ऑब्सेसिव किलर हो गई है.
जड़ों में घोलने को मठ्ठा,ये देखो
किसी के हांथों का स्टरर हो गई है
मर गये देश में स्ट्रगल कर कर के कितने
उनकी खबर भी स्ट्रगलर हो गई है.
न जाए जहाँ सुई, वहां डालने को सूजा
ये दुनिया नयी तत्पर हो गई है.
सबसे पहली खबर हमने ही है दिखाई,
ये बात ही उनका पिलर हो गई है.
किस्से कहानी और गानों की दुनिया,
टी आर पी का समर हो गई है.
विज्ञापनों की लंबी पारी के बाद,
खबर तू बस एक फिलर हो गई है.
खबर की दुनिया में खबर बेचारी,
अपनी ही खबर से बेखबर हो गयी है.
खबर की दुनिया में खबर बेचारी
जवाब देंहटाएंअपनी ही खबर से बेखबर हो गई है ...
बहुत ही अच्छा, सटीक और रोचक व्यंग्य !बहुत ही बुरा है खबरों की दुनिया का हाल , आजकल !
खबर की दुनिया में खबर बेचारी,
जवाब देंहटाएंअपनी ही खबर से बेखबर हो गयी है... waah, jabardast vyangya
खबर की दुनिया में खबर बेचारी,
जवाब देंहटाएंअपनी ही खबर से बेखबर हो गयी है।
क्या करें , खबर भी तो अब बेचारी
चौबीस घंटे, आठों पहर हो गई है । :)
बहुत सुन्दर रचना ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंखबर बेखबर खब्तमय, कर खरभर उत्पन्न ।
खटक अटक लेता गटक, जन हो जाता सन्न ।।
दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक
http://dineshkidillagi.blogspot.in
विज्ञापनों की लंबी पारी के बाद,
जवाब देंहटाएंखबर तू बस एक फिलर हो गई है.
खबर की दुनिया में खबर बेचारी,
अपनी ही खबर से बेखबर हो गयी है
खबर की अच्छी खबर ली आपने !
अति उत्तम,रोचक व्यंग सराहनीय प्रस्तुति,...
जवाब देंहटाएंNEW POST काव्यान्जलि ...: चिंगारी...
NEW POST...फुहार...हुस्न की बात...
khabar bechaaree kyaa kare
जवाब देंहटाएंjo bhee biktee sabse adhik
wo hee badee khabar bantee
Bahut khoob!
जवाब देंहटाएंखबर की दुनिया में खबर बेचारी
जवाब देंहटाएंअपनी ही खबर से बेखबर हो गई है ...
वाह! सुन्दर रचना...
सादर बधाई..
http://urvija.parikalpnaa.com/2012/02/blog-post_26.html
जवाब देंहटाएंyadi aap mere dwara sampadit kavy sangrah mein shamil hona chahte hain to sampark karen
जवाब देंहटाएंrasprabha@gmail.com
bahut khub
जवाब देंहटाएंअपने से बेखबर, खबर की दुनिया..
जवाब देंहटाएंखबर से बेखबर
जवाब देंहटाएंशब्द और भाव का अदभुद सामंजस्य ......
एकदम सही है बेचारी ख़बर की बात ☺
जवाब देंहटाएंखबर की दुनिया में खबर बेचारी,
जवाब देंहटाएंअपनी ही खबर से बेखबर हो गयी है.
-क्या बात है!!! यही हाल है खबर की दुनिया की खबर...
सच के करीब ले जाती रचना, बधाई।
जवाब देंहटाएं------
..की-बोर्ड वाली औरतें।
katu satya...prabhavshali andaz mein..bahut khoob
जवाब देंहटाएंवाह , बहुत खूब रचना।
जवाब देंहटाएंमीडिया की खबर लेती अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंविज्ञापनों की लंबी पारी के बाद, खबर तू बस एक फिलर हो गई
जवाब देंहटाएंबड़ी पैनी नज़र रखी है..ख़बरों की असलियत पर...बहुत खूब
खबर की इस मौत पर
जवाब देंहटाएंसनसनी उनकी कबर हो गयी!!
बहुत ही उम्दा रचना!!
ख़बरों के दर्द या बदहाली को सुन्दर शब्द दिया है..
जवाब देंहटाएंख़बरों की दुनिया में ख़बरें कहीं खो जाती हैं ...
जवाब देंहटाएंबिचारी बिकने भी तो लगीं हैं आजकल ...
खबर की दुनिया में खबर बेचारी
जवाब देंहटाएंअपनी ही खबर से बेखबर हो गई है ..bahut hi umda likha aap ne aap ki kalpna ka jwaab nahin
खबर की दुनिया में खबर बेचारी,
जवाब देंहटाएंअपनी ही खबर से बेखबर हो गयी है
आपकी इस खबर ने सबका ध्यान आकर्षित कर लिया...
सुँदर व्यंग , पढ़ रह गए दंग
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत ख़ूब !!
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♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥
आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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बहुत ख़ूब रचना लिखी …
जवाब देंहटाएंवाह!!
होली का पर्व मुबारक हो !
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ!
खबर की दुनिया में खबर बेचारी
जवाब देंहटाएंअपनी ही खबर से बेखबर हो गई है ..
bilkul satya kaha ,mahila divas aur holi parv ki dhero badhai aapko
वाह , बहुत खूब सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंMY RESENT POST ...काव्यान्जलि ...:बसंती रंग छा गया,...
khabar kii achchhi khabar lee hai aapne,badhai.
जवाब देंहटाएंखबर की दुनिया में खबर बेचारी
जवाब देंहटाएंअपनी ही खबर से बेखबर हो गई है
.....फिलर हो गयी
वास्तव में खबर अपने हाल पर रो रही है
ख़बरों की दुनिया का पड़ताल करती एक अच्छी कविता...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.
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