साथ तुम्हारा
तुम प्रेम गीत मैं एक कविता
तुम निर्बाध संगीत मैं सुर सरिता
तुम निर्भीक व्योम मैं ध्रुव तारा
तुम चंचल चपला मैं अम्बर सारा
तुम पुण्य प्रसून मैं वरमाला
तुम गीत विरह का मैं पांव का छाला
तुम मदिरा मैं मय का प्याला
तुम जीवन संध्या मैं सानिध्य तुम्हारा
तुम अंतिम साँसें मैं तुलसी दल बेचारा
तुम सात जनम मैं साथ तुम्हारा
अत्यंत सुंदर श्रृंगारकवित.
जवाब देंहटाएंतुम सात जनम मैं साथ तुम्हारा
जवाब देंहटाएंवाह रचना जी।
सुन्दर प्रेम अभिव्यक्ति।
नव वर्ष की शुभकामनायें।
सुन्दर भावपूर्ण.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रेम अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनायें।
बहुत सुन्दर रचना है।बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंbahut khoobsurat upmaao se shringarit hai aapki ye rachna.
जवाब देंहटाएंbadhayi.
तुम अंतिम साँसें मैं तुलसी दल बेचारा
जवाब देंहटाएंतुम सात जनम मैं साथ तुम्हारा
baht sundar panktiyaan..
poori kavita man ko bahut bhaii hai.
सभी पंक्तियाँ सुन्दर है... समर्पित भाव लिए हुए.... अंतर्मन की गहराई तक उतर रहे हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत.
जवाब देंहटाएंतुम अंतिम साँसें मैं तुलसी दल बेचारा
जवाब देंहटाएंUncomparable comparisions...
बहुत भाव पूर्ण रचना...एक एक शब्द मन में उतरता सा ..
जवाब देंहटाएंबधाई
तुम अंतिम साँसे मैं तुलसी दल बेचारा ...मगर तुलसी दल बेचारा क्यों ....
जवाब देंहटाएंजिस पल जिंदगी को शिद्दत से जिया ...बस जिंदगी रही ...जीने को यूँ तो जिया करते हैं वर्षों ..
आप बहुत ही सुंदर गीत रचना करती हैं
जवाब देंहटाएंनए वर्ष में अबाध ये सोता यूं ही बहता रहेगा, हम पाठकों के लिए यही कामना है.
एक-एक शब्द
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति
विचारों की क्रमबद्धत्ता सौन्दर्य का बोध
करवाने में सफल है......
bahut hi sundar geet
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रेम अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनायें।
तुम मदिरा मैं मय का प्याला
जवाब देंहटाएंतुम जीवन संध्या मैं सानिध्य तुम्हारा
लाजवाब पंक्तियाँ
ढेर सारी शुभकामनायें.
संजय कुमार
हरियाणा
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
सुंदर कविता
जवाब देंहटाएं-बधाई।
तुम अंतिम साँसें मैं तुलसी दल बेचारा
जवाब देंहटाएंतुम सात जनम मैं साथ तुम्हारा .......
बहुत सुंदर प्रेम गीत है !
तुलसी दल जैसा साथ हो ,
तो इससे बढ़कर कोई सानिध्य नहीं !
नव वर्ष की मंगलकामनाएं !
तुम गीत विरह का मैं पांव का छाला
जवाब देंहटाएंतुम मदिरा मैं मय का प्याला ...
वाह रचना जी ........ प्रेम की बहुत कोमल अभिव्यक्ति है .... सुंदर रचना है ... समर्पण की भाषा लिए उत्तम रचना ............ आपको नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएँ ........
bahut sundar rachna he..par kyaa sirf sundar kah dene se rachna ko tippani di jaa sakati he? yah samarpan bhaav he..dvet ka advet se milan he aour jnhaa bhed kho jaate he.., kaash jeevan bhi esa ho/////
जवाब देंहटाएंरचना जी अत्यंत प्रभाव शाली रचना...शब्द और भाव बेजोड़...बधाई...
जवाब देंहटाएंनीरज
आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना लिखा है आपने!
ek anduruni bhabhivyakti....samvedansheel
जवाब देंहटाएंpurn samarpan bhaav liye sundar prem kavita.
जवाब देंहटाएंbahut sunder abhivyktee.
जवाब देंहटाएंbahut sunder rachana hai aapki .. rach rach kar likha hai aapne . bahut badhayi .
जवाब देंहटाएंमनमोहक
जवाब देंहटाएंक्या अग.....ला...... जनम ?
जवाब देंहटाएंपुत्र औ .........?
पौत्र औ .............?
प्रपौत्र औ .......प्रताड़ना?
Shayad ye dar ham sab ke bheetar samaya rahta hai!
बहुत ही अच्छी रचना ,शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंbahut hi khoobsurati se likha hai
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