उन खाली प्यालों से पूंछो
कैसे रंग बदल आते हो ?
सुख में सुर्ख़ सुनहरा नीला
दुःख में ज़र्द दूधिया पीला
आने वाले लोग वही हैं
उनके अपने दर्द सही हैं
उन खाली प्यालों से पूंछो
कैसे बात छुपा जाते हो ?
होंठों की लाली में मुसकन
चेहरे पर चाहत की चमकन
आँखों के डोरे पिघलाती
प्याले पर प्याले मंगवाती
उन खाली प्यालों से पूंछो
कैसे दिल को छू आते हो?
होंठों की लाली में दुःख है
चेहरे की चाहत नफ़रत है
आँखों के डोरे गीले हैं
कैसे तुम्हे बता जाते हैं ?
उन खाली प्यालों से पूंछो
कैसे राज़ जता जाते हैं ?
चेहरे की चाहत नफ़रत है
जवाब देंहटाएंआँखों के डोरे गीले हैं
कैसे तुम्हे बता जाते हैं ?
वाह ....बहुत सुंदर लिखती आप ....!!
उन खाली प्यालों से पूंछो
जवाब देंहटाएंकैसे राज़ जता जाते हैं ?
दुःख और खालीपन की सुन्दर अभिव्यक्ति ......
बहुत सुन्दर लिखा है आपने
बधाई स्वीकार करे
बहुत सुन्दर रचना. भावों की सफल अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना. भावों की सफल अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंकितना सुन्दर लिखतीं है आप.
जवाब देंहटाएंपढकर मन मग्न हो गया है.
आभार.
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.
बहुत खूबसूरती से लिखा है ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावमयी रचना।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन कविता।
जवाब देंहटाएंसादर