सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा नमस्कार.आज बहुत समय बाद ब्लॉग पर कुछ लिख रही हूँ .आप लोगों से अपनी ख़ुशी साझा करना चाहती हूँ .मेरी पहली पुस्तक प्रकाशित हुई है उसके बारे में आप लोगों को अवगत कराना था
ये किताब मेरी कविताओं का एक पुलिंदा नहीं, ये आइना है, जिसके सामने मैं अपने आप को रोज़ खड़ा पाती हूँ | देखती हूँ दवे पाँव सरकता समय, आईने को निगलती खामोशी, कभी सैलाब में बहती खामोशी, कभी सलीब पर टंगी खामोशी, कभी आँगन में बिखरी खामोशी | बस यही सब भूला, बिसरा, छूटा, छिटका, ठिठका सहेजने की कोशिश मात्र है ये संकलन |
कुछ कहूं न कहू की जद्दोजहद फिर चाहें वो खुशबु की तरह छूमंतर होता बचपन हो, स्कूल कॉलेज को जाती वो सड़कें हों, आगन में फूटती हंसी और उसके पीछे सहमे हुए चंद सवाल, दुआ के लिए उठे माँ के हाथ हो या माँ के खूबसूरत चेहरे पर चढ़ता पर्त्-दर-पर्त दर्द का मुल्लमा, आँखों को स्याह कर देने वाली समाज की कालिख हो या बचपन को ख्वावों में ढूढने का अनर्थक प्रयास |
रिश्ते खून के, हूँ प्यार के, दोस्ती के, समाज के जिस भी रिश्ते को ताउम्र पकड़ कर, जकड कर रखना चाहा सूखी सूनी रेत की तरह भरभराकर कर गिरते रहे | नहीं जानती रिश्तों की नीव कमजोर थी या मेरी उन पर पकड़ जरूरत से ज्यादा सख्त | जानती हूँ कुछ भी नया नहीं हूँ, सभी के साथ होता है ये सब पर सब के अनुभव अलग अलग है, उनकी छाप अलग अलग है | मन के किस हिस्से में कितना प्रभाव शब्दों के माध्यम से उतरता है औरो का तो पता नहीं पर मेरे अन्त:स्थल के एक एक तंतु ने महसूस किया है इसे |
मेरी कविताओं में कहीं विचार उद्वेलन तो कहीं भावों की तीव्रता मिलेगी, कहीं बेचैनी, आकांक्षाएँ और चिंताएं इनके केंद्र में हैं | मेरी कवितायेँ ख़ामोशी और शब्दों के बीच का सेतु है | मेरी खामोशी से जन्मे शब्द मुझे मुंह न खोलने को मजबूर करते रहे और रचनाएं रचती गयीं |
यूँ तो मैं कुछ बोलती नहीं
पर कलम को बोलना आ गया
यूँ तो मैं जुबान खोलती नहीं
पर आँखों को खोलना आगया
लोगों को कभी तोलती नहीं
पर शब्दों को तोलना आ गया
अपनी गांठे कभी खोलती नहीं
पर यूँ लगता है अब खोलना आ गया
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आपसे अनुरोध है कि पुस्तक पढने के उपरांत अपनी बहुमूल्य टिप्पणी, प्रतिक्रिया और समीक्षा अवश्य दें| इसके लिए आप email - rachanadixit@gmail.com द्वारा अथवा मेरे ब्लॉग पर डाल सकते हैं |
हार्दिक बधाई 💐💐
जवाब देंहटाएंआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन निगेटिव में डंडा घुसा कर उसे पॉजिटिव बनायें : ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब..... सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंराजा जी बहुत बहुत आभार आपका
जवाब देंहटाएंThis is Very very nice article. Everyone should read. Thanks for sharing. Don't miss WORLD'S BEST
जवाब देंहटाएंCityGtCarStuntsGame
हार्दिक बधाई एवं अनेकानेक शुभकामनाएँ 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार राकेश जी। ऐसे ही अपना स्नेह बनाये रखें
जवाब देंहटाएंआभार
बधाई रचना जी ,
जवाब देंहटाएंपुस्तक चाहिए , आज ही प्रयास करता हूँ तलाश करने का !
अमेज़न पर लिंक सही नहीं दिया है , कृपया सही लिंक दें
जवाब देंहटाएंयूँ तो मैं कुछ बोलती नहीं
जवाब देंहटाएंपर कलम को बोलना आ गया
यूँ तो मैं जुबान खोलती नहीं
पर आँखों को खोलना आगया
लोगों को कभी तोलती नहीं
पर शब्दों को तोलना आ गया
अपनी गांठे कभी खोलती नहीं
पर यूँ लगता है अब खोलना आ गया
बहुत खूब ,रचना जी बहुत बहुत बधाई हो ,सही समय पर आना हुआ ,सुंदर पुस्तक प्रभावशाली शीर्षक ,ये किताब मुझे मिल सकती है क्या ,कैसे लू
What an Article Sir! I am impressed with your content. I wish to be like you. After your article, I have installed Grammarly in my Chrome Browser and it is very nice.
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एक अच्छा लेख वह होता है जिसके बारे में एक व्यक्ति जानता है, उस लेख से कुछ सीखने को मिलता है और आपका लेख भी उन्हीं में से एक है। हम आशा करते हैं कि आप भविष्य में इसी तरह के लेख साझा करेंगे और हमें जागरूक करेंगे धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंInstagram Pr Hero Kaise Bane
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इस पुस्तक को खरीदने के सारे लिनक्स ठीक कर दिए गए हैं | आप इन लिनक्स से पुस्तक को खरीद सकते हैं | अभी तक के आपके सहयोग के लिए आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद|
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