रविवार, 12 जून 2011

अनुभव


अनुभव     


जीने का तरीका समझने लगी हूँ.
अपना नजरिया बदलने लगी हूँ. 
जीवन का अनुभव है या...
सकारात्मक सोच में रहने लगी हूँ. 
पीछे देखती हूँ अवसाद, अपराध, 
ईर्ष्या मवाद से भरी हूँ. 
बैठ जाती हूँ याद करती हूँ,
इन अहसासों को भरने वाले कारक 
गिन गिन कर निकालने लगी हूँ...
सुबह खिड़की के पास 
फैले रेत के ढ़ेर पर
एक एक नाम लिखने लगी हूँ.
जीने का तरीका समझने लगी हूँ.
अपना नजरिया बदलने लगी हूँ.
पीछे घूम कर देखती हूँ,
प्यार, मीठे, अहसास, खूबसूरत पल, 
खुशियों से भरने लगी हूँ. 
बैठ जाती हूँ याद करती हूँ, 
इन अहसासों को भरने वाले कारक 
गिन गिन फिर निकालने लगी हूँ...
सुबह आंगन में रखे पत्थरों  पर
एक एक नाम उकेरने लगी हूँ.
जीने का तरीका समझने लगी हूँ. 
अपना नजरिया बदलने लगी हूँ. 
अब तो दिन दिन भर
खिड़की पे खड़े हो 
रेत और पत्थर को निहारने लगी हूँ. 
रेत पर तो निशान हैं ही नहीं, 
पत्थरों पे लिखे नाम,
पढ़ मुस्कुराने लगी हूँ. 
कहते हैं इंसान पत्थर सा हो गया है,
कुछ सुनहरे अहसास उकेर कर 
दिमाग को अपने पत्थर समझने लगी हूँ. 
जीने का तरीका समझने लगी हूँ. 
अपना नजरिया बदलने लगी हूँ. 
जीवन का अनुभव है या...
सकारात्मक सोच में रहने लगी हूँ.  

32 टिप्‍पणियां:

  1. सकारात्मक नजरिया ही सबसे महत्वपूर्ण है जीवन में । बहुत अच्छी और प्रेरक कविता ।

    जवाब देंहटाएं
  2. अपने को बदलना आसान है !
    शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  3. अपना नजरिया बदलने लगी हूँ.
    जीवन का अनुभव है या...
    सकारात्मक सोच में रहने लगी हूँ.

    प्रेरक कविता के लिए बधाई तथा शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  4. जीवन में सकारात्मक नजरिया ही इसे खुशहाल बना सकता है . सुँदर रचना .

    जवाब देंहटाएं
  5. रेत और पत्थर को निहारने लगी हूँ.
    रेत पर तो निशान हैं ही नहीं,
    पत्थरों पे लिखे नाम,
    पढ़ मुस्कुराने लगी हूँ.

    अच्छा हुआ जो आपने सकारातमक सोच के नाम पत्थर पर लिखे ...प्रेरणादायक अच्छी रचना

    जवाब देंहटाएं
  6. सकारात्मक सोच से व्यक्तित्व निखरता है.
    प्रेरक कविता है आपकी .

    जवाब देंहटाएं
  7. सकारात्मक संदेश देती सुंदर कविता !

    जवाब देंहटाएं
  8. बधाई ! अपने अन्दर के अहसास टटोलने की एक
    सकारात्मक रचना !
    खुश रहें !
    शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  9. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (13-6-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

    http://charchamanch.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  10. रेत और पत्थर को निहारने लगी हूँ
    रेत पर तो निशान हैं ही नहीं
    पत्थरों पे लिखे नाम
    पढ़ मुस्कुराने लगी हूँ।

    पत्थरों पे लिखे नाम....
    वाह, बहुत सुंदर।
    इस बिम्ब के प्रयोग से कविता सुगमता से सम्प्रषित हो रही है।
    शुभकामनाएं, रचना जी।

    जवाब देंहटाएं
  11. देखने का नजरिया बदलते ही चीज़ों के अर्थ बदल जाते हैं...
    बहुत ही सुन्दर... सकारात्मक सोच वाली कविता

    जवाब देंहटाएं
  12. इतना सब कुछ पाने को है,
    आँसू नहीं बहाने को है।

    जवाब देंहटाएं
  13. जीवन का अनुभव है या...
    सकारात्मक सोच में रहने लगी हूँ.

    प्रेरक रचना

    जवाब देंहटाएं
  14. कहते हैं इंसान पत्थर सा हो गया है, कुछ सुनहरे अहसास उकेर कर दिमाग को अपने पत्थर समझने लगी हूँ. जीने का तरीका समझने लगी हूँ. अपना नजरिया बदलने लगी हूँ. जीवन का अनुभव है या... सकारात्मक सोच में रहने लगी हूँ.
    is najiriye se jeene par jindagi aasaan ho jati hai ,behad sundar

    जवाब देंहटाएं
  15. पथ्यर दिमाग तरीका समझ जाये .ये तभी संभव है जब कुशल तराश मिल जाये ..गुश्ताखी माफ़ जी ! बहुत सुंदर शिल्प ,शिल्पी को नमन ,हुनर को बधाईयाँ ../

    जवाब देंहटाएं
  16. पीछे घूम कर देखती हूँ,
    प्यार, मीठे, अहसास, खूबसूरत पल,
    खुशियों से भरने लगी हूँ.
    बैठ जाती हूँ याद करती हूँ,
    इन अहसासों को भरने वाले कारक
    गिन गिन फिर निकालने लगी हूँ...phir ye hi dawa ban jate hain , kabhi mithe, kabhi ....

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत ही सुन्दर..सकारात्मक सोच
    हर शब्‍द बहुत कुछ कहता हुआ, बेहतरीन अभिव्‍यक्ति के लिये बधाई के साथ शुभकामनायें ।

    जवाब देंहटाएं
  18. खूबसूरत कविता... अनुभव जीवन की धरोहर होती हैं.... अनुभव को नए अंदाज़ में प्रस्तुत किया है आपने अपनी कविता में...

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत सकारात्मक सोच... सुन्दर प्रेरक प्रस्तुति..

    जवाब देंहटाएं
  20. अपना नजरिया बदलने लगी हूँ.
    जीवन का अनुभव है या...
    सकारात्मक सोच में रहने लगी हूँ.

    Kya baat..... sunder ...prernadayi rachna ...

    जवाब देंहटाएं
  21. प्रेरणा दायक प्रस्तुति - जीवन के प्रति सकारात्मक सोच निःसंदेह आवश्यक है जो जीवन को आनंदमय बनती है.

    आज के वक्त का अनुभव प्राप्त कर लेने पर उपजी सकारात्मक सोच भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए आवश्यक है इसमें कोई दो राय नहीं लेकिन इंसानियत के लिए कैसी होगी उस पर प्रश्न चिन्ह है.

    जवाब देंहटाएं
  22. सकारात्मक सोच ही बेहतर विकल्प कहा गया है

    जवाब देंहटाएं
  23. सुन्दर सकारात्मक सोच की शब्द परिणिति,,,आभार!

    जवाब देंहटाएं
  24. सकारात्मक सोच मे ही आदमी जीने का तरीका ढूँढ लेता है। अच्छी रचना। बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  25. रेत और पत्थर को निहारने लगी हूँ.
    रेत पर तो निशान हैं ही नहीं,
    पत्थरों पे लिखे नाम,
    पढ़ मुस्कुराने लगी हूँ.

    बहुत सुंदर सोच,
    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  26. सकारात्मक सोच को पेश करती यह प्रस्तुति बहुत सुन्दर और प्रेरणा देने वाली है.

    जवाब देंहटाएं
  27. सकारात्मक सोच में रहने लगी हूँ.
    यही तो चाहिए जीने के लिए बहुत सुंदर अच्छी लगी रचना , बधाई

    जवाब देंहटाएं
  28. सकारात्मक सोच सही अनुभव देती है.सुन्दर रचना

    जवाब देंहटाएं
  29. जीने का तरीका समझने लगी हूँ. अपना नजरिया बदलने लगी हूँ. जीवन का अनुभव है या... सकारात्मक सोच में रहने लगी हूँ. बहुत सुंदर भाव से लिखी अपने अन्तेर्मन को टटोलती हुई सार्थक रचना .बधाई आपको

    जवाब देंहटाएं
  30. कहते हैं इंसान पत्थर सा हो गया है,
    कुछ सुनहरे अहसास उकेर कर
    दिमाग को अपने पत्थर समझने लगी हूँ.

    ये पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगीं.

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  31. सकारात्मक सोच ||
    महत्वपूर्ण ||

    अन्यथा जिंदगी अवसादपूर्ण ||

    जवाब देंहटाएं
  32. बहुत सुंदर रचना ...सकारात्मक सोच से ओत-प्रोत.....!!
    badhaii.

    जवाब देंहटाएं

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...