गुरुवार, 27 अगस्त 2009

vacation

The best thing
God has given us,
Is the vacation
Long long never ending
Ever ending,
Is the vacition
Late nights,late mornings
Every where,
Is the vacation
Meeting time
with grand parents,great friends,
Is the vacation
No  books no hooks
Total enjoyment,
Is the vacation
To share the sorrow
The books to borrow,
Is the vacation
On May which starts
On June which ends,
Is the vacation
Today when school reopened
I realised  the reason for
All freshness and happiness,
Is the vacation 

सोमवार, 24 अगस्त 2009

उपहार

तुमको तो मालुम है सचमुच,
में था उस क्षण लाचार प्रिये।
तुम मेरे आगे से गुजरी,
इन आँखों ने दीदार किए।
ये रूप रंग,ये कंचन काया,

देख मेरे थे होंठ सिये।
तेरी जुल्फों के खुशबू थी,
या मेरे दिल में जले दिए।
तेरी आंखों की मदिरा से,
थे कितने प्याले रोज़ पिए।
कितने बरसों बाद हुए,
ये सपने सारे साकार मेरे।

तेरे दर पर खड़ा हुआ हूँ,
ये जीवन अपना उपहार लिए

शुक्रवार, 21 अगस्त 2009

अनबुझे प्रश्न

तुम मुझे बहुत याद आते हो,

 
मेरी तनहाइओं में, सुनसान वीरानों में,

मेरे अनबुझे से प्रश्न।

क्यों होते हैं कुछ रिश्ते,

कांच से नाज़ुक, कुछ ढाल से मजबूत,

कुछ रौशनी में परछाई, कुछ कागज़ पर रोशनाई।

तुम मुझे बहुत याद आते हो, मेरे अनबुझे से प्रश्न।

क्यों नाज़ुक रिश्ता दरज़ता है।

क्यों मजबूत रिश्ता खड़ा रहता है।

क्यों परछाई रोशनी का नहीं छोडती साथ।

क्यों कागज़ पर लिखा रिश्ता नहीं होता आबाद।

तुम मुझे बहुत याद आते हो, मेरे अनबुझे से प्रश्न।
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